Auraiya News: औरैया क्षेत्र के इस हृदयविदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया. 27 जून की सुबह प्रियंका अपने चार बच्चों के साथ सेंगर नदी के केशमपुर घाट पहुंची. पहले वह बच्चों को बहाने से घाट तक ले गई और फिर एक-एक करके आदित्य (7), माधव (6) और ढाई वर्षीय मंगल को पानी में डुबोकर मार डाला. उसने सबसे पहले छोटे बच्चों को मारा ताकि वे प्रतिरोध न कर सकें. आठ वर्षीय सोनू को भी उसने डुबाने की कोशिश की, लेकिन वह किसी तरह बच निकला. उसे मरा समझकर प्रियंका मौके से फरार हो गई.
पति की मौत के बाद शुरू हुआ अवैध संबंध
प्रियंका की शादी इटावा जिले के लुईया गांव निवासी अवनीश से हुई थी. शादी के बाद उनके चार बच्चे हुए. दो साल पहले एक हादसे में अवनीश की मौत हो गई, जब वह करंट की चपेट में आ गया. पति की मौत के बाद प्रियंका ने अपने चचेरे देवर आशीष से संबंध बना लिए. पहले वे एक साथ गांव में ही रहते रहे, लेकिन जब यह संबंध गांव वालों की नजर में आया तो समाज के ताने और बदनामी की वजह से प्रियंका अपने मायके बरौआ लौट आई. लेकिन आश्चर्यजनक रूप से आशीष भी वहां आकर रहने लगा, जिससे दोनों की बदनामी और बढ़ गई.
नशे में करता था प्रेमी बच्चों से मारपीट
प्रियंका और आशीष औरैया के बनारसीदास मोहल्ले में एक किराए के मकान में रहने लगे. आशीष सैलून में काम करता था, लेकिन नशे की लत से वह अक्सर मानसिक असंतुलन में रहता. वह न सिर्फ प्रियंका से झगड़ा करता था, बल्कि मासूम बच्चों से भी मारपीट करता. आए दिन घर में तनाव, झगड़े और मानसिक यातना बढ़ती गई. बच्चे मां से अपने दर्द की शिकायत करते, लेकिन प्रियंका की आंखों पर मोहब्बत का ऐसा पर्दा था कि वह कुछ सुनने को तैयार नहीं थी. धीरे-धीरे प्रियंका ने इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए खौफनाक रास्ता चुन लिया.
सोनू की बहादुरी से खुली हत्या की परतें
प्रियंका को पूरा यकीन था कि सभी बच्चे मारे जा चुके हैं, लेकिन आठ वर्षीय सोनू किसी तरह पानी से बाहर निकल आया और हिम्मत दिखाते हुए सीधे गांव वालों को सूचना दी. सोनू की बहादुरी और सूझबूझ से इस हत्याकांड का खुलासा हो सका. सोनू ने पुलिस को पूरी घटना की सटीक जानकारी दी. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए प्रियंका और आशीष को गिरफ्तार कर लिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य सबूतों के साथ-साथ सोनू की गवाही ने पूरे केस की रूपरेखा स्पष्ट कर दी.
कोर्ट का सख्त फैसला: फांसी और उम्रकैद
मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तृतीय सैफ अहमद की अदालत में हुई. एक साल 13 दिन तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने महिला की क्रूरता को देखते हुए प्रियंका को फांसी की सजा सुनाई, जो भारतीय न्यायिक इतिहास में मातृत्व को कलंकित करने वाले मामलों में से एक है. वहीं, आशीष को उम्रकैद की सजा सुनाई गई क्योंकि उसकी भूमिका भी अप्रत्यक्ष रूप से हत्या के लिए उकसाने और पारिवारिक हिंसा की रही. कोर्ट ने दोनों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है. यदि यह अर्थदंड अदा नहीं किया गया, तो दो-दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.