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अग्निवीर तो बच गए, लेकिन खुद की जान गंवा बैठे लेफ्टिनेंट शशांक, आज नम आंखों से दी जाएगी विदाई

Ayodhya News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अयोध्या दौरे के दौरान हनुमानगढ़ी में पूजा-अर्चना के बाद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी के साहस और बलिदान की सराहना करते हुए 50 लाख की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया.

Ayodhya News: लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी शुक्रवार को सिक्किम में साथी सैनिक बचाते हुए शहीद हो गए थे. उनका पार्थिव शरीर विशेष सैन्य विमान से सिलीगुड़ी के बागडोगरा एयरबेस से फैजाबाद लाकर रात भर के लिए सैन्य अस्पताल में रखा गया था. लेफ्टिनेंट शशांक का अंतिम संस्कार शनिवार को अयोध्या के जामथरा घाट पर राजकीय सम्मान से किया जाएगा.

अग्निवीर को बचाने के लिए झरने में कूदे

उत्तर सिक्किम की ऊंची पहाड़ियों में तैनात लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी, SIKKIM SCOUTS रेजिमेंट के साथ Route Opening Patrol का नेतृत्व कर रहे थे. यह गश्ती दल एक Tactical Operating Base (TOB) तक पहुंचने के अभियान पर था, जहां से भविष्य के सैन्य अभियानों को संचालित किया जाना था. दुर्गम और जोखिम भरे पहाड़ी रास्तों पर यह ऑपरेशन शुक्रवार सुबह लगभग 11 बजे उस समय संकट में आ गया जब गश्त दल के एक जवान, अग्निवीर स्टीफन सुब्बा, एक संकरे लकड़ी के पुल को पार करते वक्त संतुलन खो बैठे और बर्फीले झरने की तेज धारा में बहने लगे.

800 मीटर नीचे मिला पार्थिव शरीर

इस दौरान लेफ्टिनेंट शशांक ने बिना कोई सोच-विचार किए, कर्तव्य और मानवता की मिसाल पेश करते हुए उफनती जलधारा में छलांग लगा दी. उनके पीछे-पीछे नायक पुकार काटेल भी कूदे. दोनों ने मिलकर जोखिम भरे हालातों में अग्निवीर स्टीफन को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. हालांकि, इस साहसिक प्रयास में लेफ्टिनेंट शशांक खुद जलधारा की चपेट में आ गए. बचाव दल ने उन्हें काफी तलाशा और आखिर में लगभग 800 मीटर नीचे, उनका पार्थिव शरीर बरामद किया गया.

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कौन हैं लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी?

23 वर्षीय शशांक अयोध्या छावनी के गद्दोपुर गांव के निवासी थे और अपने परिवार में इकलौते बेटे थे. नगर मजिस्ट्रेट राजेश मिश्रा ने बताया कि शशांक के पिता जंग बहादुर तिवारी मर्चेंट नेवी में कार्यरत हैं और इस समय अमेरिका में हैं. वे भारत लौट रहे हैं और शनिवार सुबह तक अयोध्या पहुंच सकते हैं. शशांक ने एनडीए परीक्षा 2019 में पास की थी और पिछले वर्ष ही सेना में कमीशन पाया था. शशांक के चाचा राजेश दुबे ने बताया कि वह शुरू से ही पढ़ाई में मेधावी थे और देश की सेवा करने का सपना बचपन से ही देखते थे. एनडीए में चयन से पहले उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा फैजाबाद के एक स्थानीय स्कूल में पूरी की थी.

मुख्यमंत्री ने किया सम्मान का ऐलान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अयोध्या दौरे के दौरान हनुमानगढ़ी में पूजा-अर्चना के बाद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी के साहस और बलिदान की सराहना की. उन्होंने घोषणा की कि अयोध्या में उनके सम्मान में एक स्मारक का निर्माण कराया जाएगा. साथ ही राज्य सरकार ने परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी मंजूर की है.

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Shashank Baranwal
Shashank Baranwal
जीवन का ज्ञान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, पेशे का ज्ञान MCU, भोपाल से. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के नेशनल डेस्क पर कार्य कर रहा हूँ. राजनीति पढ़ने, देखने और समझने का सिलसिला जारी है. खेल और लाइफस्टाइल की खबरें लिखने में भी दिलचस्पी है.

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