CM Yogi Gifts: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक अहम बैठक में प्रदेश के बौद्ध और सिख समुदाय के श्रद्धालुओं के लिए दो नई तीर्थयात्रा योजनाओं के शुभारंभ के निर्देश दिए. ‘बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना’ के तहत हिन्दू/बौद्ध श्रद्धालुओं को देशभर के प्रमुख बौद्ध स्थलों की यात्रा कराई जाएगी, जबकि ‘पंच तख्त यात्रा योजना’ के अंतर्गत सिख श्रद्धालुओं को भारत के पांच पवित्र तख्त साहिब स्थलों की यात्रा का अवसर मिलेगा. यह निर्णय राज्य सरकार की समावेशी विकास नीति और विभिन्न धार्मिक समुदायों की भावनाओं का सम्मान करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
आध्यात्मिक उत्थान और सामाजिक समरसता का माध्यम होंगी ये योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत में तीर्थ यात्राओं का विशेष महत्व रहा है. ये यात्राएं केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक शांति, मानसिक संतुलन और सामाजिक एकता का भी प्रतीक होती हैं. सरकार इन योजनाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को न केवल आर्थिक सहयोग देगी, बल्कि उनके विश्वास और आस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी. ये प्रयास भारत की सनातन परंपरा को आधुनिक व्यवस्था से जोड़ने का सशक्त उदाहरण होंगे.
प्रत्येक श्रद्धालु को 10,000 रुपये तक अनुदान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी स्पष्ट किया कि इन दोनों योजनाओं के तहत चयनित श्रद्धालुओं को प्रति व्यक्ति न्यूनतम 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह सहायता उन्हें तीर्थस्थलों तक यात्रा, ठहरने और अन्य आवश्यक खर्चों में सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से दी जाएगी. इस राशि से वे बिना किसी आर्थिक बोझ के अपनी धार्मिक यात्राओं को साकार कर सकेंगे. यह पहल खास तौर से उन लोगों के लिए वरदान होगी, जो आर्थिक तंगी के कारण तीर्थ यात्रा नहीं कर पाते थे.
बौद्ध भिक्षुओं और कमजोर वर्ग को प्राथमिकता
योगी सरकार ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि इन योजनाओं का लाभ सबसे पहले उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि योजना के लाभार्थियों के चयन में बौद्ध भिक्षुओं और कमजोर आय वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी जाए. इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि गरीब और जरूरतमंद श्रद्धालुओं को आस्था के उन स्थानों तक पहुंचने का मौका मिले, जो उनके लिए पहले दूर की बात हुआ करते थे.
आवेदन प्रक्रिया होगी पूरी तरह ऑनलाइन
सीएम योगी ने अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि दोनों योजनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होनी चाहिए. इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी. श्रद्धालु अपनी पात्रता की जांच कर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, जिससे योजनाओं में किसी प्रकार की भेदभाव या पक्षपात की संभावना समाप्त हो जाएगी.
सुरक्षा और सुविधा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि इन तीर्थयात्रा योजनाओं में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. यात्रा मार्ग, ठहराव के स्थान, भोजन और चिकित्सा सुविधा जैसे हर पहलू पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का संचालन इस तरह किया जाए कि श्रद्धालुओं को किसी भी स्तर पर असुविधा न हो और वे अपनी यात्रा को पूर्ण श्रद्धा और शांति के साथ पूरी कर सकें.
‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना को मिलेगा बल
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये योजनाएं केवल तीर्थ यात्रा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये सामाजिक समरसता और सभी समुदायों के प्रति राज्य सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती हैं. यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” को जमीन पर उतारने का एक मजबूत प्रयास है. इसके जरिए उत्तर प्रदेश सरकार यह संदेश दे रही है कि वह हर धर्म और हर वर्ग की भावना का सम्मान करती है