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उत्तर प्रदेश सरकार की जीसीसी नीति से युवाओं को मिलेगा रोजगार और कौशल विकास का सुनहरा अवसर

CM YOGI GIFTS: उत्तर प्रदेश सरकार की ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) नीति 2025 के तहत युवाओं को रोजगार और तकनीकी प्रशिक्षण के नए अवसर मिलेंगे. नीति का लक्ष्य दो लाख से अधिक नौकरियों का सृजन है. नीति के तहत इंटर्नशिप पर ₹5,000/माह तक की सब्सिडी, स्किल ट्रेनिंग पर ₹50,000 प्रति कर्मचारी, और पेरोल पर ₹1.8 लाख तक की सहायता दी जाएगी. फ्रेशर्स को नौकरी देने पर ₹20,000 तक की सब्सिडी मिलेगी. महिलाओं, एससी/एसटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग कर्मचारियों के ईपीएफ में 100% छूट मिलेगी. साथ ही, कंपनियों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने पर ₹10 करोड़ तक का अनुदान दिया जाएगा. यह नीति प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है.

CM YOGI GIFTS: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के युवाओं के लिए एक नई दिशा तय करते हुए ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) नीति 2025 लागू की है. इस नीति का उद्देश्य न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़ाना है, बल्कि युवाओं को आधुनिक तकनीकी कौशल से लैस कर उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना भी है. नई नीति के अंतर्गत अगले कुछ वर्षों में 2 लाख से अधिक नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही, युवाओं को इंटर्नशिप, स्किल डेवलपमेंट, पेरोल सब्सिडी, और अनुसंधान व नवाचार के क्षेत्रों में भी सरकार की ओर से सहयोग मिलेगा.

इंटर्नशिप और ट्रेनिंग के लिए विशेष सहायता


राज्य सरकार कम से कम दो महीने की इंटर्नशिप करने वाले छात्रों के लिए ₹5,000 प्रति माह तक की सब्सिडी देगी. यह सुविधा सालाना 50 छात्रों के लिए तीन वर्षों तक मान्य रहेगी. साथ ही, कंपनियों को अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने पर प्रति व्यक्ति ₹50,000 तक की स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी दी जाएगी.

स्थानीय युवाओं के लिए पेरोल सब्सिडी


उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों को रोजगार देने वाली कंपनियों को प्रति कर्मचारी ₹1.8 लाख तक की पेरोल सब्सिडी मिलेगी, जबकि अन्य राज्यों से आने वालों के लिए यह राशि ₹1.2 लाख होगी. साथ ही, राज्य के कॉलेजों से पासआउट फ्रेशर्स को नौकरी देने पर प्रति फ्रेशर ₹20,000 की प्रोत्साहन राशि मिलेगी.

महिलाओं और विशेष वर्गों को प्राथमिकता


महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग कर्मचारियों के ईपीएफ अंशदान पर 100% सरकारी प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है, जिससे समावेशी और संतुलित विकास को बढ़ावा मिलेगा.

टियर-2 शहरों में बनेगा नया तकनीकी हब


नोएडा और एनसीआर के अलावा वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज जैसे शहरों को भी इस नीति के तहत विशेष प्रोत्साहन मिलेगा. इससे इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा और स्थानीय युवाओं को घर के पास ही बेहतर करियर के अवसर मिलेंगे.

अनुसंधान और इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा


नीति के तहत सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने पर कंपनियों को ₹10 करोड़ तक का अनुदान दिया जाएगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फिनटेक और रोबोटिक्स जैसे उभरते क्षेत्रों में नवाचार को भी सरकार प्रोत्साहित करेगी. उत्तर प्रदेश की यह नीति न केवल युवाओं को नौकरी देने का माध्यम बनेगी, बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार करेगी एक समृद्ध, कुशल और आत्मनिर्भर प्रदेश की ओर एक बड़ा कदम.

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