Changur Baba: अवैध धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के बाद नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं. बीते दिन बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में ईडी की टीम ने देर शाम तक ताजुद्दीन कॉम्प्लेक्स सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें ED को कई अहम दस्तावेज मिले हैं.
नसरीन के नाम पर खोला गया बुटीक
ईडी को कॉम्प्लेक्स में स्थित ‘अशवी बुटीक’ से कई अहम दस्तावेज मिले हैं, जो जलालुद्दीन और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन की संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े हैं. बताया जा रहा है कि यह बुटीक करीब 6 साल पहले नसरीन के नाम पर खोला गया था और इसकी जमीन मलिक नामक व्यक्ति से खरीदी गई थी.
106 करोड़ की विदेशी फंडिंग का सुराग
ईडी की जांच में सामने आया है कि जलालुद्दीन और उसके गिरोह के करीब 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपये जमा किए गए, जिनमें ज्यादातर धनराशि पश्चिम एशिया से हवाला के जरिए भेजी गई. एजेंसी को शक है कि यह पैसा धर्मांतरण के लिए प्रयोग किया गया.
जलालुद्दीन, जिसे करीमुल्ला शाह के नाम से भी जाना जाता है, ने एक संगठित नेटवर्क खड़ा किया था जो कि चांद औलिया दरगाह परिसर से संचालित हो रहा था. यहां वह विदेशी नागरिकों की मौजूदगी में नियमित तौर पर धार्मिक सभाएं आयोजित करता था.
अवैध गतिविधियों का केंद्र बना ताजुद्दीन कॉम्प्लेक्स
ईडी की 12 घंटे से ज्यादा चली छापेमारी में ताजुद्दीन कॉम्प्लेक्स में मौजूद मध्यपुर कोठी के सभी बंद कमरों की तलाशी ली गई. अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि जलालुद्दीन और उसके साथियों ने इतनी बड़ी संपत्ति कहां से और कैसे अर्जित की.
गहराई से जांच कर रही है यूपी एटीएस
उप्र एटीएस ने हाल ही में जलालुद्दीन, उसके बेटे महबूब, साथी नवीन उर्फ जमालुद्दीन और सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. ईडी अब इस गिरोह की फंडिंग, संपत्तियों और विदेशी संपर्कों की गहराई से जांच कर रही है.