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इटावा में ‘अहीर रेजिमेंट’ का बवाल: FIR के बाद जल उठा गांव, पुलिस पर पथराव और फायरिंग!

Etawah Violence: इटावा के दादरपुर गांव में कथावाचकों पर FIR के बाद बवाल भड़क गया. ‘अहीर रेजिमेंट’ समर्थकों ने प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी. कथावाचकों पर फर्जीवाड़ा व छेड़खानी का केस, सियासी बयानबाजी तेज हुई.

Etawah Violence: इटावा के दादरपुर गांव में उस वक्त माहौल गरमा गया जब कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत कुमार यादव के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की. उन पर एक महिला के साथ छेड़खानी, धोखाधड़ी और फर्जी आधार कार्ड इस्तेमाल कर धार्मिक कार्यक्रमों में लोगों को गुमराह करने के आरोप लगाए गए हैं. मामले की शुरुआत रेनू तिवारी नामक महिला की शिकायत से हुई, जिसने कथावाचक पर शोषण का आरोप लगाया था. इसके बाद पुलिस ने आईपीसी की जगह नए BNS एक्ट के तहत कई धाराएं लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की.

‘अहीर रेजिमेंट’ समर्थकों का जोरदार प्रदर्शन, पुलिस पर हुआ पथराव

जैसे ही कथावाचकों पर केस दर्ज होने की खबर फैली, कथित तौर पर ‘अहीर रेजिमेंट’ की मांग को लेकर सक्रिय लोग दादरपुर गांव के बाहर बड़ी संख्या में जमा हो गए. उनका आरोप था कि यादव समाज के धार्मिक लोगों को जानबूझकर फंसाया जा रहा है. प्रदर्शन तेज हुआ और देखते ही देखते नारेबाजी से मामला हाथ से निकल गया. भीड़ ने पुलिस की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए पथराव शुरू कर दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई. यह सब कुछ कैमरे में रिकॉर्ड हो गया, और अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

स्थिति बेकाबू होने पर पुलिस ने की हवाई फायरिंग, टूटी सरकारी गाड़ी

स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती देख पुलिस को मजबूर होकर हवाई फायरिंग करनी पड़ी. इस दौरान कई लोग इधर-उधर भागे, और कुछ लोगों ने पत्थरबाजी जारी रखी. एक पुलिस की जीप पर पत्थर लगे जिससे उसका शीशा टूट गया और गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई. भीड़ की उग्रता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया और पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया. प्रशासन हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है.

अखिलेश यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना, जताया विरोध

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटनाक्रम पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, “कथावाचकों पर हमला भाजपा समर्थकों ने किया होगा. यह एक सोची-समझी साजिश है. लेकिन हमले किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किए जा सकते. मैं इसका कड़ा विरोध करता हूं.” अखिलेश यादव ने कहा कि अगर सरकार निष्पक्ष जांच नहीं कराती, तो समाजवादी पार्टी सड़क पर उतरेगी.

कथावाचकों पर फर्जीवाड़ा और छेड़खानी का मामला, कई धाराओं में केस

पीड़िता रेनू तिवारी के अनुसार, जब कथावाचक उनके घर ठहरे हुए थे, उस दौरान भोजन परोसते समय उन्होंने अश्लील हरकत की और उंगली पकड़कर बदतमीजी की. इसके अलावा यह भी आरोप लगा कि कथावाचकों ने फर्जी आधार कार्ड दिखाकर जाति और पहचान छुपाई और गांव में धार्मिक आयोजन कराए. पुलिस ने इस आधार पर BNS की धारा 299, 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2) के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

मारपीट करने वाले 4 आरोपी जेल भेजे गए, मामला और उलझा

इससे पहले कथावाचकों के साथ मारपीट और अभद्रता करने वाले 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. अब जब कथावाचकों पर भी केस दर्ज हो गया है, तो यह मामला दोतरफा हो गया है. गांव का माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है और प्रशासन की नजर हर गतिविधि पर है. इस घटना के कारण यूपी की सियासत में भी हलचल तेज हो गई है.

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