Ghazi Miyan Ka Mela: बहराइच के सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर होने वाले सालाना उर्स की अनुमति न दिए जाने का मामला हाईकोर्ट (Allahabad High Court) पहुंच गया है. इस संबंध में दाखिल याचिका पर लखनऊ खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है. हालांकि, कोर्ट ने जिलाधिकारी के अनुमति न देने के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 14 मई को निर्धारित की गई है.
15 मई से शुरू होना था मेला
यह मामला वक्फ संख्या 19, दरगाह शरीफ बहराइच की ओर से दाखिल की गई रिट याचिका से जुड़ा है. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता लालता प्रसाद मिश्र ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सैयद सालार मसूद गाजी की ऐतिहासिक दरगाह साल 1375 ईस्वी में फिरोजशाह तुगलक की तरफ से तामीर करवाई गई थी. तब से लेकर अब तक सालाना जेठ माह में यहां एक माह तक उर्स का आयोजन होता आया है, जिसमें देश-विदेश से करीब चार से पांच लाख श्रद्धालु शामिल होते हैं. याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस साल 15 मई से उर्स शुरू होना था, लेकिन प्रशासन ने किसी स्पष्ट कारण के बिना इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया.
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दरगाह परिसर में कार्यक्रम पर नहीं है कोई प्रतिबंध
याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से वकील ने पक्ष रखा गया कि उर्स का आयोजन लगभग पांच किलोमीटर के क्षेत्र में फैलता है और जिलाधिकारी ने एलआईयू एवं अन्य संबंधित विभागों की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया है. सरकार ने यह स्पष्ट किया कि दरगाह परिसर के भीतर होने वाले किसी भी धार्मिक कार्यक्रम पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. इसके जवाब में याची पक्ष के अधिवक्ता ने दलील दी कि दरगाह के आसपास का लगभग डेढ़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र स्वयं दरगाह की संपत्ति है और आयोजन उस दायरे में ही किया जाता है.