Gorakhpur News: बुधवार तड़के छह बजे मुरादाबाद स्थित पीएसी परिसर उस समय हंगामे का केंद्र बन गया जब महिला रिक्रूटों ने मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर विरोध शुरू कर दिया. रिक्रूटों का आरोप था कि उन्हें पिछले दो दिनों से न तो भोजन मिला है, न ही पीने का पानी. कई रिक्रूट भूख और गर्मी के कारण बेहोश हो गईं. आपात स्थिति में उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
गाली-गलौज और इलाज से इनकार
महिला रिक्रूटों ने बताया कि जब उन्होंने इन समस्याओं की शिकायत आरटीसी प्रभारी से की तो उन्हें गाली दी गई. चोट लगने पर प्राथमिक उपचार भी नहीं कराया गया. कुछ रिक्रूटों ने कहा कि बार-बार अपमानित किए जाने और अनदेखी से वे मानसिक रूप से टूट चुकी हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन्हें तत्काल राहत नहीं दी गई तो वे सामूहिक इस्तीफा देंगी.
अधिकारियों के नहीं आने पर सड़क जाम
रिक्रूटों ने सुबह से परिसर में प्रदर्शन शुरू किया लेकिन कोई वरिष्ठ अधिकारी सुनवाई को नहीं आया. इससे नाराज होकर वे एक-एक करके परिसर से बाहर निकल गईं और मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया. ट्रैफिक बाधित होते देख पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया. मौके पर सीओ पुलिस अधीक्षक कार्यालय दीपांशी राठौर और थाना प्रभारी शाहपुर पहुंचे और उन्हें समझाने में जुट गए.
गंदे शौचालय, गर्मी, भीड़भाड़ और खुले में स्नान
रिक्रूटों ने बताया कि जिस कमरे में उन्हें ठहराया गया है वहां एक कमरे में 30-30 लोगों को रखा गया है, लेकिन मात्र एक पंखा है. 14 रिक्रूटों को टीनशेड में ठूंसकर रखा गया है. शौचालय बेहद गंदे हैं और कहने पर प्रभारी केवल सफाई करने को कहकर टाल देते हैं. बिजली कटौती की वजह से रिक्रूटों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है. स्नानगृह न होने के कारण उन्हें खुले में नहाना पड़ता है, जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जिससे उनकी निजता भंग हो रही है.
छह हजार लिए, लेकिन नाश्ता नहीं
रिक्रूटों ने बताया कि प्रशिक्षण के नाम पर उनसे छह-छह हजार रुपये जमा कराए गए, लेकिन सुविधाएं नाम मात्र की हैं. उन्हें सुबह आठ बजे के बाद और रात आठ बजे ही भोजन मिल रहा है. दिनभर गर्मी और थकान के बावजूद उन्हें नाश्ता तक नहीं दिया जाता. उन्होंने इसे शोषण और धोखाधड़ी करार दिया.
कमरे में एक ही दरवाजा, कूलर से फिसलकर घायल
कई महिला रिक्रूटों ने बताया कि जिस कमरे में उन्हें ठहराया गया है, उसमें एक ही दरवाजा है और वहीं पर कूलर भी रखा गया है. कूलर का पानी फर्श पर गिरता है जिससे फिसलकर गिरने की घटनाएं हो रही हैं. कुछ रिक्रूट घायल हो गई हैं, एक रिक्रूट का दांत तक टूट गया है. लेकिन कोई चिकित्सकीय सहायता नहीं दी गई.
परीक्षा में जाने की अनुमति नहीं
एक महिला रिक्रूट ने बताया कि उसने प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी थी. उसने प्रवेश पत्र भी दिखाया, लेकिन जाने से मना कर दिया गया. इससे उसकी पढ़ाई और भविष्य दोनों पर असर पड़ा है.
कमांडेंट के समझाने पर भी नहीं मानीं रिक्रूट
स्थिति को गंभीर होता देख पीएसी कमांडेंट मौके पर पहुंचे और रिक्रूटों को समझाने की कोशिश की. लेकिन महिला रिक्रूटों का गुस्सा इतना अधिक था कि वे परिसर में लौटने को तैयार नहीं हुईं. सभी की एक ही मांग थी या तो उन्हें यहां से तत्काल हटाया जाए या उनकी समस्याओं का समाधान तुरंत किया जाए.