JAUNPUR NEWS: जौनपुर के जिला अस्पताल में शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया जब इलाज में देरी से नाराज़ होकर पहुंचे किन्नरों के समूह ने इमरजेंसी वार्ड में जमकर हंगामा किया. इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए किन्नरों ने न केवल अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया, बल्कि डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ के साथ हाथापाई भी की. इस अप्रत्याशित घटना से अस्पताल में कुछ समय के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
मरीज को लेकर पहुंचे थे किन्नर, तुरंत इलाज की रखी मांग
घटना शनिवार दोपहर की है जब कुछ किन्नर एक बीमार व्यक्ति को लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे. किन्नरों ने आरोप लगाया कि उनके मरीज की हालत गंभीर है और उसे तुरंत प्राथमिकता देकर इलाज दिया जाना चाहिए. वहीं, ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर डॉ. पवन सिंह ने बताया कि अस्पताल की तय प्रक्रिया के अनुसार पहले से इलाजरत गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा था.
डॉक्टर के जवाब से भड़के किन्नर, हुई मारपीट
जब डॉक्टरों ने प्रक्रिया का हवाला देते हुए थोड़ी प्रतीक्षा करने को कहा, तो किन्नर उग्र हो गए और उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में हंगामा करना शुरू कर दिया. देखते ही देखते उन्होंने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया और फिर डॉ. पवन सिंह समेत अन्य स्टाफ से मारपीट पर उतर आए. अस्पताल में तैनात स्वास्थ्यकर्मी अमित सिंह जब बीच-बचाव करने पहुंचे तो उन्हें भी पीट दिया गया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं.
अस्पताल परिसर में मचा कोहराम, मरीज और तीमारदार सहमे
अचानक हुए इस हमले से अस्पताल परिसर में दहशत का माहौल बन गया. अन्य मरीज और उनके परिजन अपने इलाज छोड़कर वार्ड से बाहर निकलने लगे. कुछ मरीजों को अपने परिजनों के साथ अस्पताल छोड़कर जाना पड़ा. पूरी घटना से इमरजेंसी सेवाएं कुछ देर के लिए बाधित हो गईं.
पुलिस की एंट्री से शांत हुआ मामला, CCTV खंगाल रही टीम
अस्पताल प्रशासन ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दी. पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति को नियंत्रण में लिया गया. पुलिस ने किन्नरों को बाहर निकालते हुए अस्पताल परिसर को खाली कराया और चिकित्सकों को सुरक्षा का आश्वासन दिया. फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है ताकि घटना में शामिल लोगों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जा सके.
स्वास्थ्यकर्मियों में भय और रोष, कड़ी कार्रवाई की मांग
इस हमले के बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों में भारी आक्रोश देखा गया. उन्होंने एक स्वर में प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. चिकित्सकों का कहना है कि ऐसी घटनाएं अस्पतालों में काम कर रहे स्टाफ के मनोबल को गिराती हैं और इलाज में बाधा उत्पन्न करती हैं.
सवाल यह उठता है कि अस्पताल जैसी संवेदनशील जगहों पर इस तरह की घटनाएं आखिर कैसे और क्यों हो रही हैं? क्या अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं है?