Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार महाकुंभ 2025 में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. इस दौरान 54375 लोग अपनों से बिछड़ गए थे, जिसमें महिलाओं की संख्या सबसे अधिक थी. लेकिन राहत की बात है कि सभी बिछड़ों को उनके परिजन से मिला दिया गया.
महाकुंभ में डिजिटल खोया पाया केंद्र की स्थापना की गई थी
महाकुंभ 2025 में भूले-भटके लोगों को उनके परिवार से मिलाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की थी. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति के दौरान लापता 598 श्रद्धालुओं, मौनी अमावस्या के दौरान लापता 8,725 श्रद्धालुओं और बसंत पंचमी के दौरान लापता 864 श्रद्धालुओं को डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की मदद से उनके परिजनों से मिलवाया गया. डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की मदद से कुल 35083 लोगों को उनके परिजनों से मिलवाया गया.
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महाकुंभनगर में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए थे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर पूरे महाकुंभनगर में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए थे, जिनमें अत्याधुनिक एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) आधारित चेहरा पहचान प्रणाली, मशीन लर्निंग और बहुभाषीय समर्थन जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई थी.
महाकुंभ में बिछड़ गए थे 18 बच्चे, परिजन से मिलाया गया
”महाकुंभ मेले में बिछड़े सभी 18 बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया गया. शिविर के माध्यम से न सिर्फ खोए हुए लोगों को खोजा गया, बल्कि उनके घरों तक पहुंचाने में भी मदद की गई.”