NEW DELHI: भारत और पाकिस्तान के बीच अक्सर तनावपूर्ण रिश्तों के बीच एक सकारात्मक खबर सामने आई है. पाकिस्तान ने भारत के बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार को सकुशल वापस भारत को सौंप दिया है. यह घटना मानवता और कूटनीति की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास गश्त के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गए थे. प्रारंभिक जांच के अनुसार, घने कोहरे और सीमांकन की अस्पष्टता के कारण यह घटना घटी. पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा जवान को हिरासत में लिया गया था, लेकिन भारतीय अधिकारियों की तत्परता और राजनयिक प्रयासों के चलते मामला जल्द ही सुलझा लिया गया.
अटारी-वाघा बॉर्डर पर जवान को किया अधिकारियों के हवाले
आज सुबह अटारी-वाघा बॉर्डर पर एक औपचारिक प्रक्रिया के तहत पाकिस्तान ने पूर्णम कुमार को बीएसएफ अधिकारियों के हवाले किया. इस मौके पर सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे. जवान को वापस पाकर उसके परिवार और सहकर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गई है. बीएसएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया, “हम अपने जवान पूर्णम कुमार की सुरक्षित वापसी पर संतोष व्यक्त करते हैं. यह हमारे निरंतर प्रयासों और दोनों देशों के बीच सहयोग का परिणाम है. “इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि गंभीर तनाव के बीच भी मानवीय पहलुओं को महत्व दिया जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे सकारात्मक घटनाक्रम भविष्य में दोनों देशों के बीच संवाद की संभावनाओं को बल दे सकते हैं. जवान पूर्णम कुमार की स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें छुट्टी दी जाएगी ताकि वे अपने परिजनों के साथ समय बिता सकें.

जवान की पत्नी ने दिखाई थी सक्रिय भूमिका
पूर्णम कुमार की पत्नी रजनी शॉ, जो इस समय गर्भवती हैं, वह अपने पति पूर्णम कुमार की रिहाई के लिए काफी सक्रियता दिखाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मदद की अपील की थी और स्वयं पंजाब पहुंचकर बीएसएफ के अधिकारियों से मुलाकात करी और अपने पति पूर्णम कुमार के भारत सकुशल वापसी की गुहार लगाई थी जिसके बाद आज भारत की सक्रिय कूटनीतिक प्रयासों और दोनों देशों के बीच मानवीय सहयोग से पूर्णम कुमार की वापसी से उनका परिवार और सुरक्षा बलों में खुशी की लहर है.
जवान पूर्णम कुमार की पूरी जानकारी
बीएसएफ के इस जवान का पूरा नाम पूर्णम कुमार शॉ है उम्र 40 वर्ष, पत्नी का नाम रजनी शॉ है जवान मूलरूप से रिषड़ा, हुगली जिला, पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, जवान सीमा सुरक्षा बल (BSF), 24वीं बटालियन में कार्यरत है. जवान की वर्तमान नियुक्ति फिरोजपुर सेक्टर, पंजाब में है. जवान अपनी ड्यूटी के दौरान गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे. उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था. इसके बाद भारत सरकार ने उच्च स्तर पर कूटनीतिक प्रयास किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत लगातार बातचीत और प्रयास हुए. अंततः 14 मई 2025 को पाकिस्तान ने जवान को अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंप दिया.