Prayagraj News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रयागराज में चल रहे बेसिक शिक्षक भर्ती आंदोलन और लखनऊ के इको गार्डन में शिक्षामित्रों के प्रदर्शन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें प्रदर्शनकारी हाथ में रोटी लेकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं.
“2 जून की रोटी” बना प्रतीक, आंदोलनकारियों की बढ़ती बेबसी
अखिलेश यादव ने लिखा, “प्रयागराज में शिक्षा चयन बोर्ड के सामने बेसिक शिक्षक के अभ्यर्थियों और लखनऊ के इको गार्डन में प्रदेश भर के शिक्षामित्रों के ‘2 जून को 2 जून की रोटी के संघर्ष’ का प्रदर्शन सच में चिंतनीय है. एक तरफ़ 7 सालों से बेसिक शिक्षकों की भर्ती नहीं निकली है, वहीं दूसरी ओर शिक्षामित्रों को साल में केवल 11 महीने ही वेतन दिया जाता है — वो भी सिर्फ़ 10 हज़ार रुपये प्रतिमाह.”
“रोटी को थाली की तरह बजाने से आवाज़ नहीं आती है” — सपा प्रमुख की तंजभरी टिप्पणी
उन्होंने आगे लिखा, “शिक्षामित्र जानते हैं कि रोटी को थाली की तरह बजाने से आवाज़ नहीं आती है. इसलिए वो ‘सोती सरकार’ को जगाने के लिए गुहार-पुकार कर रहे हैं. केवल परिवारवाले ही समझ सकते हैं कि चंद पैसों में परिवार चलाना कितना मुश्किल है. हम हर शिक्षामित्र और उनके परिवार के साथ खड़े हैं.”
“शिक्षा जगत कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा” — अखिलेश का स्पष्ट संदेश
एक अन्य पोस्ट में सपा अध्यक्ष ने कहा, “हम समस्त शिक्षक वर्ग और उनके परिवारों के साथ हैं, जिन्हें वेतन के नाम पर चंद पैसे मिल रहे हैं. साथ ही उन अभ्यर्थियों के साथ भी, जो भाजपा सरकार के आने के बाद से शिक्षक बनने के लिए वर्षों से इंतज़ार कर रहे हैं. अब शिक्षा जगत कह रहा है नहीं चाहिए भाजपा.”
शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल, युवा और शिक्षक वर्ग में गुस्सा
शिक्षा व्यवस्था को लेकर अखिलेश यादव द्वारा उठाए गए इन मुद्दों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. लंबे समय से लटकी हुई शिक्षक भर्तियों और शिक्षामित्रों की दयनीय स्थिति को लेकर युवाओं और शिक्षकों में भारी नाराज़गी है. अब देखना होगा कि भाजपा सरकार इस बढ़ते दबाव और जनाक्रोश का क्या जवाब देती है.