PRAYAGRAJ NEWS: प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस द्वारा अपराध पर नियंत्रण के तमाम दावों के बावजूद अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. हालिया घटना ने पुलिस की लापरवाही और कमजोर कार्यप्रणाली की पोल खोल दी है. फूलपुर के सराफा कारोबारी सौरभ केशरी के साथ हुई वारदात में एक उचक्का करीब 10 किलो चांदी से भरा बैग लेकर फरार हो गया. खास बात यह है कि आरोपी पैदल ही जीरो रोड से लेकर लेप्रोसी चौराहे तक सात किलोमीटर तक की दूरी तय करता रहा और पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम रही.
वारदात: कार से बैग उड़ाकर पैदल फरार
23 मई की शाम सराफा कारोबारी सौरभ केशरी जीरो रोड इलाके में अपनी कार से पहुंचे थे. कार में रखे बैग में करीब 9.80 लाख रुपये मूल्य की दस किलो चांदी थी. अचानक एक युवक ने मौका देखकर बैग उठाया और पैदल ही भाग निकला. कारोबारी ने तुरंत कोतवाली पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की. बल्कि उल्टा पीड़ित व्यापारी से ही देर तक पूछताछ में समय जाया कर दिया.
सात किमी पैदल चलकर चकमा दे गया पुलिस को
सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि उचक्का बैग लेकर पैदल ही जीरो रोड से लेप्रोसी चौराहे तक पहुंचा. यह दूरी लगभग सात किलोमीटर की है. इतने लंबे रास्ते में कहीं भी उसे रोकने या पकड़ने की कोशिश नहीं की गई. लेप्रोसी चौराहे के बाद सीसीटीवी कैमरे न होने के चलते पुलिस को उसकी आगे की लोकेशन नहीं मिल पाई.
पुलिस की सुस्ती पर व्यापारी समाज में आक्रोश
इस घटना ने पुलिस की तत्परता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. व्यापारियों का कहना है कि अगर सूचना मिलते ही पुलिस सतर्क होती और इलाके में घेराबंदी करती, तो पैदल चल रहे उचक्के को पकड़ा जा सकता था. व्यापारियों में भय और रोष दोनों व्याप्त हैं. उनका कहना है कि जब पैदल भागने वाले अपराधी को भी पुलिस नहीं पकड़ पा रही, तो शहर की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा होता है.
थाना प्रभारी का बयान
कोतवाली थाना प्रभारी से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि घटना को संज्ञान में लेते हुए कई टीमें लगी हुईं हैं, जल्द ही मामले का खुलासा करते हुए आरोपी की गिरफ्तारी कर ली जाएगी.
तीसरे नेत्र की सीमा से बाहर हुआ उचक्का
आईट्रिपलसी के कैमरों से लेकर अब तक की जांच में साफ हो गया है कि उचक्का लेप्रोसी चौराहे तक तो ट्रैक हुआ, लेकिन वहां से आगे उसकी कोई लोकेशन उपलब्ध नहीं है. पुलिस अब उस दिशा में छानबीन कर रही है जहां दो रोडवेज बसें रीवा रोड की ओर गई थीं. यही आखिरी कड़ी है जिससे आरोपी तक पहुंचा जा सकता है.
सवालों के घेरे में पुलिस
यह घटना न सिर्फ पुलिस की नाकामी को दर्शाती है, बल्कि शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल खड़े करती है. पुलिस की धीमी कार्रवाई और लचर मॉनिटरिंग व्यवस्था का फायदा अपराधियों को मिल रहा है. अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में आरोपी तक पहुंच पाती है या नहीं.
अपराधी बेखौफ, जनता बेहाल
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराधी अब पुलिस से बेखौफ हैं. यदि शहर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत नहीं किया गया और अपराधियों पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो व्यापारियों और आम नागरिकों में भरोसा डगमगा सकता है. प्रयागराज पुलिस के लिए यह मामला एक चेतावनी से कम नहीं.