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नर्सरी के छात्र की मौत: टीचरों की पिटाई और लापरवाही से उजड़ गया एक मासूम जीवन

PRAYAGRAJ NEWS: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक निजी स्कूल के नर्सरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की टीचरों की पिटाई से मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट और मुंह दबाने से दम घुटने की पुष्टि हुई. परिजनों ने शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.


PRAYAGRAJ NEWS: उत्तर प्रदेश के एक निजी स्कूल में नर्सरी के छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मासूम बच्चे की मौत स्कूल में शिक्षकों की पिटाई और अत्यधिक सख्ती की वजह से हुई है. मृतक की उम्र मात्र 4 साल बताई जा रही है. परिजनों ने स्कूल प्रबंधन और संबंधित शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

क्या हुआ उस दिन?


घटना उस समय सामने आई जब मासूम छात्र की तबीयत स्कूल में अचानक बिगड़ गई और उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. इस खबर से परिजनों में कोहराम मच गया. जब शव का पोस्टमार्टम हुआ, तो रिपोर्ट ने चौंकाने वाले खुलासे किए. रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे के सिर पर गहरी चोट के निशान मिले और मुंह दबाने के कारण उसकी सांस रुक गई थी.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा


पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ तौर पर लिखा गया है कि बच्चे के सिर पर गंभीर चोट थी, जो किसी ठोस वस्तु से मारने के कारण आई हो सकती है. इसके साथ ही यह भी पाया गया कि बच्चे का मुंह दबाया गया था, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और उसकी मौत हो गई. यह बात पुलिस और प्रशासन दोनों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है. अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर नर्सरी जैसे स्तर पर पढ़ने वाले बच्चे के साथ इतनी क्रूरता क्यों और कैसे की गई?

परिजनों का आरोप


बच्चे के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि स्कूल के शिक्षक उनके बेटे के साथ लंबे समय से सख्ती से पेश आ रहे थे. घटना वाले दिन भी बच्चे को पढ़ाई में पिछड़ने पर बुरी तरह पीटा गया. उन्होंने यह भी दावा किया कि स्कूल प्रशासन ने उन्हें समय रहते सही जानकारी नहीं दी और अस्पताल ले जाने में भी देरी की गई. उन्होंने मांग की है कि दोषी शिक्षकों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और स्कूल की मान्यता रद्द की जाए.

स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया


स्कूल की ओर से पहले तो कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी गई, लेकिन मीडिया और पुलिस के दबाव के बाद एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि छात्र की तबीयत अचानक बिगड़ी और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया. स्कूल प्रशासन ने किसी भी तरह की मारपीट से इनकार किया है और कहा है कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे.

पुलिस की कार्रवाई और जांच


पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर संबंधित शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. स्कूल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष और तेज़ गति से की जाएगी, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके.

प्रयागराज वासियों में भारी आक्रोश


इस हृदयविदारक घटना से समाज में गहरा आक्रोश फैल गया है. सोशल मीडिया पर लोग स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों में भारी चिंता देखी जा रही है. कई सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है और शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग की है. एक नन्हे मासूम की असमय मौत ने न केवल उसके परिवार को गहरा आघात दिया है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं. स्कूल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान पर अगर बच्चों की जान जोखिम में हो, तो यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है. अब देखना यह है कि क्या इस मामले में दोषियों को सख्त सजा मिलती है या फिर यह भी एक और आंकड़ा बनकर रह जाएगा.

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