Ramayana Yatra IRCTC: भारतीय रेलवे अपने श्रद्धालु यात्रियों के लिए एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक अनुभूति से भरपूर यात्रा का आयोजन करने जा रहा है. भगवान श्रीराम के भक्तों के लिए यह एक सुनहरा मौका है, जब वे प्रभु से जुड़े पवित्र स्थलों की यात्रा एक साथ कर सकेंगे. भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) द्वारा चलाई जा रही यह विशेष ‘श्री रामायण यात्रा’ 25 जुलाई 2025 से दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से आरंभ होगी और यह यात्रा कुल 16 रात और 17 दिन तक चलेगी. इस यात्रा में श्रद्धालुओं को अयोध्या से लेकर जनकपुर, नासिक, हम्पी और रामेश्वरम तक ले जाया जाएगा. यात्रियों को रामायण से जुड़े उन स्थलों पर दर्शन करने का सुअवसर मिलेगा जो अब तक केवल कल्पनाओं में बसे थे.
राम की जन्मभूमि से लेकर रामेश्वरम तक होगा सफर
इस यात्रा का पहला पड़ाव प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या होगा, जहां श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन करेंगे. इसके अलावा अयोध्या में उन्हें हनुमान गढ़ी और राम की पैड़ी जैसी दिव्य स्थलों की यात्रा का अवसर मिलेगा. इसके बाद तीर्थ यात्री नंदीग्राम पहुंचेंगे, जहां भरत-हनुमान मंदिर और भरत कुंड जैसे स्थानों के दर्शन कर सकेंगे.
नेपाल के जनकपुर तक फैली भक्ति की यह यात्रा
रामायण की यह पवित्र यात्रा भारत की सीमाओं से आगे निकलती है और नेपाल के जनकपुर तक जाती है. जनकपुर, जिसे माता सीता का मायका माना जाता है, वहां राम जानकी मंदिर, धनुष धाम मंदिर और परशुराम कुंड तीर्थ यात्रियों के लिए श्रद्धा से भरे अनुभव लेकर आएंगे. इसके बाद बिहार के सीतामढ़ी में जानकी मंदिर और पुनौरा धाम जैसे स्थान यात्रियों के चरण स्पर्श की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
वाराणसी, बक्सर और प्रयागराज के भी होंगे दर्शन
बक्सर में राम रेखा घाट और रामेश्वर नाथ मंदिर के दर्शन के बाद यात्रियों को वाराणसी ले जाया जाएगा. बनारस की पवित्रता और भक्ति का अनुभव श्रद्धालुओं को तुलसी मानस मंदिर, संकट मोचन मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर और भव्य गंगा आरती में भाग लेकर मिलेगा. इसके बाद सीतामढ़ी (उत्तर प्रदेश) के सीता समाहित स्थल के दर्शन कराते हुए यात्रा प्रयागराज पहुंचेगी. संगम नगरी प्रयागराज में तीर्थ यात्री त्रिवेणी संगम, हनुमान मंदिर और भारद्वाज आश्रम में भक्ति भाव से सराबोर होंगे.
श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट में मिलेगी रामकथा की जीवंत झलक
प्रयागराज से आगे यात्रा श्रृंगवेरपुर पहुंचेगी, जहां श्रृंग ऋषि मंदिर तीर्थयात्रियों को रामायण काल की याद दिलाएगा. इसके बाद चित्रकूट में राम घाट, गुप्त गोदावरी और सती अनुसूया मंदिर जैसे स्थल श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के वनवास काल का सजीव दर्शन कराएंगे.
पंचवटी से लेकर हम्पी तक, हर स्थल राम कथा से जुड़ा
रामायण यात्रा में इसके बाद नासिक के पंचवटी क्षेत्र की यात्रा होगी, जहां तीर्थ यात्री त्रयंबकेश्वर मंदिर, सीता गुफा और कालाराम मंदिर के दर्शन करेंगे. यहीं से राम-रावण युद्ध की भूमिका तैयार हुई थी. इसके बाद यात्रा दक्षिण भारत के प्राचीन धार्मिक केंद्र हम्पी पहुंचेगी, जहां अंजनाद्री पहाड़ी (हनुमान जी का जन्म स्थान), विरुपाक्ष मंदिर और विट्ठल मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल श्रद्धालुओं को एक नई अनुभूति देंगे.
समाप्ति होगी रामेश्वरम और धनुषकोडी के भव्य दर्शन से
इस अद्भुत रामायण यात्रा का समापन होगा समुद्र के किनारे स्थित रामेश्वरम में, जहां रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन कर श्रद्धालु अपने जीवन के आध्यात्मिक क्षणों को पूर्णता प्रदान करेंगे. रामेश्वरम से जुड़ा पौराणिक स्थल धनुषकोडी भी इस यात्रा का हिस्सा होगा, जिसे देखने का दुर्लभ अवसर मिलेगा.
आरामदायक सुविधाओं और शुद्ध भोजन के साथ आध्यात्मिक अनुभव
पूरी यात्रा के दौरान आईआरसीटीसी की यह ट्रेन यात्रियों को आरामदायक वातानुकूलित कोचों में यात्रा कराएगी. यात्रा के प्रत्येक दिन यात्रियों को चाय, नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलेगा. साथ ही अनुभवी गाइड, लोकल ट्रांसपोर्ट, दर्शनीय स्थलों का प्रवेश और अन्य सुविधाएं भी शामिल रहेंगी.
सुरक्षा और श्रद्धा का संगम
श्री रामायण यात्रा न केवल धार्मिक अनुभव प्रदान करती है बल्कि एक सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आईआरसीटीसी द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं. हर स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए व्यवस्थाएं की गई हैं और पूरी यात्रा को एक संगठित योजना के तहत संचालित किया जाएगा.
इस यात्रा को बना सकते हैं जीवन भर की यादगार
अगर आप रामायण से जुड़े स्थलों को अपनी आंखों से देखना और अपने विश्वास को साकार करना चाहते हैं, तो यह यात्रा आपके लिए एक दुर्लभ और पवित्र अवसर है. 25 जुलाई से शुरू हो रही यह श्रीरामायण यात्रा हजारों राम भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक तीर्थ बनेगी, जिसमें आस्था, संस्कृति और दर्शन का अनूठा संगम देखने को मिलेगा.