Religious Conversion Case: बिलारी क्षेत्र के एक गाँव में रहने वाली इंटर कॉलेज की 16-वर्षीय छात्रा चार जुलाई की सुबह पढ़ाई के लिए घर से निकली, लेकिन उसी शाम परिजनों को उसकी अनहोनी की आशंका सताने लगी. जांच में सामने आया कि पीपली निवासी जैकी, बरौली निवासी समीर और पुरा निवासी शाकिर ने छात्रा का मुंह दबाकर जबरन कार में बैठाया और दिल्ली की ओर भाग निकले. अपहरण के बाद से परिवार और पुलिस दोनों ही उसकी खोज में जुटे थे, मगर कोई सुराग नहीं मिला.
दिल्ली में दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन की साजिश
छात्रा के बयान के अनुसार, तीनों आरोपियों ने उसे राजधानी पहुंचने पर अलग-अलग ठिकानों पर रखा और कई बार उसकी अस्मिता को रौंदा. वहीं, उन्होंने विवाह की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि शादी से पहले धर्म परिवर्तन करना होगा. इसी मकसद से वे उसे एक मौलाना के पास ले गए, जो दिल्ली का है. मौलाना ने लड़की को डराया-धमकाया और साफ कहा कि मजहब बदले बिना निकाह संभव नहीं। पुलिस का मानना है कि पूरी योजना सुनियोजित थी.
मजबूत सबूत: सीडीआर ट्रैकिंग से गिरफ्तारी की राह खुली
जैसे-जैसे आरोपियों के मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) निकलती गई, पुलिस का शिकंजा कसता गया. दबाव बढ़ने पर आरोपी आठ जुलाई को छात्रा को बिलारी बस स्टैंड पर छोड़कर फरार हो गए. टीम ने तत्काल मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के विस्तृत बयान दर्ज कराए और समीर-शाकिर को दबोचकर जेल भेज दिया. अब अपहरण, दुष्कर्म, जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश, पॉक्सो और एससी-एसटी एक्ट समेत अनेक गंभीर धाराएँ आरोपियों पर लागू हैं.
पुरानी रंजिश का पहलू: एक और केस से जुड़े तार
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि दोनों पक्षों के बीच पहले से तनातनी थी. 28 जून 2024 को थाना नखासा (जनपद संभल) में दर्ज एक सामूहिक दुष्कर्म केस में पीड़ित छात्रा के परिजनों के दो परिचित आरोपित बताए जाते हैं, जबकि उस मुकदमे का वादी बिलारी प्रकरण के दो आरोपियों का रिश्तेदार है. इस पारस्परिक दुश्मनी ने घटना को और पेचीदा बना दिया है; लिहाजा पुलिस रंजिश के सभी पहलुओं को खंगाल रही है.
फरार मौलाना और तीसरा अभियुक्त पुलिस के रडार पर
एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि दो अभियुक्त सलाखों के पीछे हैं, जबकि तीसरा युवक और दिल्ली का मौलाना अभी फरार हैं. विशेष टीमें दिल्ली-एनसीआर में दबिश दे रही हैं. अधिकारी ने विश्वास जताया कि जल्द ही दोनों को गिरफ्तार कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि पीड़िता को शीघ्र न्याय मिल सके.