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हाईस्कूल पास नहीं, फिर भी बने बेसिक शिक्षा अधिकारी… रिंकू सिंह की नियुक्ति को लेकर सोशल मीडिया पर घमासान

Rinku Singh BSA: उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) नियुक्त किया है. इस फैसले पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. समर्थक इसे खिलाड़ियों का सम्मान बता रहे हैं, जबकि कुछ लोग शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठा रहे हैं.

Rinku Singh BSA: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) नियुक्त करने का फैसला लिया है. यह निर्णय रिंकू सिंह की खेल जगत में शानदार उपलब्धियों को देखते हुए विशेष नियमावली 2022 के तहत लिया गया है. हालांकि, सरकार के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर जमकर बहस छिड़ गई है. कुछ लोग इस फैसले की तारीफ कर रहे हैं, तो वहीं कई लोगों ने नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं.

BSA के लिए ये है अनिवार्य योग्यता

दरअसल, बेसिक शिक्षा अधिकारी पद के लिए सामान्य तौर पर पोस्ट ग्रेजुएट योग्यता अनिवार्य है, जबकि रिंकू सिंह ने अभी तक हाईस्कूल भी पास नहीं किया है. इस आधार पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि योग्यता मानकों को नजरअंदाज कर सरकार ने यह नियुक्ति कैसे कर दी. वहीं समर्थक इसे खिलाड़ियों के सम्मान और प्रोत्साहन से जोड़कर देख रहे हैं.

सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग टिप्पणियां

एक यूजर ने लिखा कि रिंकू सिंह को BSA बना दिया है,यह ख़बर आते ही कुछ लोगों के ज़ोरदार पेट दर्द होने लगा है.

एक यूजर ने लिखा कि रिंकू सिंह को यह पद सम्मान और प्रेरणा स्वरूप दिया गया है, न कि प्रशासनिक कार्यों के लिए. इस तरह की नियुक्तियां युवा खिलाड़ियों को यह संदेश देती हैं कि खेल में उत्कृष्टता भी राष्ट्र सेवा का माध्यम बन सकती है.

एक यूजर ने लिखा कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपना वादा निभाया. रिंकू सिंह समेत सात अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी नियुक्त किया गया. यह कदम खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को सम्मान देने की दिशा में ऐतिहासिक है.

एक यूजर ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार, लाखों शिक्षित बेरोजगार का मजाक उड़ा रहा है रिंकू सिंह को इस पोस्ट का कोई जरूरत नहीं है अगर देना था तो कोई खेल से संबंधित पोस्ट दे देता, इस तरह शिक्षा विभाग में पोस्ट देना सही नहीं है.

एक यूजर ने लिखा कि इस से पहले भी अन्य स्पोर्ट्स खिलाड़ियों को खेल कोटा से नौकरी दी जा चुकी है. उनकी तो शैक्षिक योग्यता पर किसी ने सवाल नहीं उठाया है. सिर्फ रिंकू सिंह पर ही क्यों?

अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली के तहत हुई नियुक्ति

उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली के तहत प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में सीधी नियुक्ति दी जाती है. इसी नियम के तहत रिंकू सिंह समेत सात खिलाड़ियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की गई है. सभी खिलाड़ियों के दस्तावेजों की विधिवत जांच कर ली गई है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि युवाओं में खेल के प्रति रुचि बढ़ाने और विभाग की छवि सुधारने के लिए ऐसे प्रसिद्ध खिलाड़ियों को नियुक्त किया जाता है. साथ ही ये खिलाड़ी विभाग की गतिविधियों के ब्रांड एंबेस्डर के रूप में काम करते हैं.

ये है नियम

अधिकारियों का यह भी कहना है कि अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं के लिए विभाग में नियुक्ति के समय शैक्षिक योग्यता जरूरी नहीं होती. लेकिन अगर वे आगे पदोन्नति चाहते हैं तो उन्हें नियुक्ति के सात साल के भीतर निर्धारित शैक्षणिक योग्यता पूरी करनी अनिवार्य है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें पदोन्नति का लाभ नहीं मिलेगा और उसी वर्ष भर्ती हुए अभ्यर्थियों में सबसे अंतिम स्थान पर रखा जाएगा.

Shashank Baranwal
Shashank Baranwal
जीवन का ज्ञान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, पेशे का ज्ञान MCU, भोपाल से. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के नेशनल डेस्क पर कार्य कर रहा हूँ. राजनीति पढ़ने, देखने और समझने का सिलसिला जारी है. खेल और लाइफस्टाइल की खबरें लिखने में भी दिलचस्पी है.

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