UP Gang Rape: कानपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने आम जनता के साथ-साथ पुलिस प्रशासन को भी सकते में डाल दिया है. ताइक्वांडो की एक नेशनल खिलाड़ी ने आरोप लगाया है कि उसे दुकान लगाने के बहाने एक आश्रम में बुलाया गया, जहां उसे नशे में बेहोश कर गैंगरेप किया गया. इस पूरे मामले में एक महंत और तीन अन्य लोगों के शामिल होने की बात कही गई है.
जानिए क्या है पूरा मामला
- गोविंद नगर की नेशनल खिलाड़ी
पीड़िता गोविंद नगर की रहने वाली है और खुद को ताइक्वांडो की नेशनल खिलाड़ी बताती है. मां की मौत के बाद वह पुराने कपड़ों की छोटी सी दुकान चलाकर जीवन यापन कर रही थी.
- दुकान लगाने के बहाने मिला जाल
पीड़िता का कहना है कि दुकान के लिए जगह की तलाश में उसकी मुलाकात गोविंद महतो नाम के व्यक्ति से हुई. उसने उसे 28 जनवरी 2025 को गोविंद नगर थाने के पास स्थित एक आश्रम में ले जाने की बात कही.
- लड्डू में नशीला पदार्थ मिलाकर किया गया बेहोश
आश्रम पहुंचने पर पीड़िता को खाने के लिए एक लड्डू दिया गया. लड्डू खाने के कुछ ही देर बाद उसे चक्कर आने लगे और वह बेहोश हो गई.
- महंत समेत 4 लोगों पर गैंगरेप का आरोप
पीड़िता ने गंभीर आरोप लगाया है कि बेहोशी की हालत में आश्रम के महंत समेत कुल 4 लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया. घटना के बाद वह डर के मारे चुप रही क्योंकि आरोपियों के “ऊँचे संपर्क” होने की बात कही जा रही है.
- 4 महीने बाद हिम्मत जुटाकर सामने आई पीड़िता
घटना के चार महीने बाद पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए अपने साथ हुई दरिंदगी का खुलासा किया है और अब वह न्याय की मांग कर रही है. एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति उसके साथ छेड़खानी करता हुआ दिख रहा है.
पुलिस का क्या कहना है?
इस पूरे मामले में एडीसीपी महेश कुमार का बयान सामने आया है. उन्होंने बताया….
“एक वीडियो मिला है जिसमें छेड़खानी की पुष्टि होती है. मामले की गहन जांच की जा रही है. आश्रम के महंत ने अपनी उपस्थिति न होने का दावा किया है और सबूत के तौर पर फोटो व वीडियो दिए हैं. जांच पूरी होते ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”
आश्रम में क्या हुआ था उस दिन?
पूरा मामला कई सवाल खड़े करता है:
1-: पीड़िता को नशे में धुत कर रेप करना कोई साधारण अपराध नहीं है.
2-: क्या आश्रम के लोग पहले से ऐसी घटनाओं में लिप्त थे?
3-: क्या धार्मिक आड़ में अपराध को छुपाया जा रहा है?
न्याय की पुकार: क्या मिलेगा इंसाफ?
पीड़िता ने अब सार्वजनिक रूप से अपनी आपबीती बताई है और कानून से न्याय की मांग की है. यह मामला न सिर्फ कानपुर, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि कैसे धर्मस्थलों की आड़ में अपराध फल-फूल सकते हैं.