UP Government Yojana: उत्तर प्रदेश सरकार समाज के हाशिए पर खड़े दिव्यांगजनों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है. ‘शादी विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना’ इसी दिशा में एक मजबूत कड़ी के रूप में सामने आई है. इस योजना के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों को विवाह के समय आर्थिक सहायता प्रदान कर न केवल उनके जीवन में सहूलियत लाई जा रही है, बल्कि उन्हें समाज में नई पहचान और सम्मान भी दिया जा रहा है. वर्ष 2025-26 में योजना के प्रति लोगों का भरोसा और जागरूकता बढ़ी है, जिसका प्रमाण 74 हजार से अधिक प्राप्त हुए आवेदन हैं.
योगी सरकार ने दिए आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को और प्रभावशाली बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी पात्र आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए, ताकि लाभार्थियों को समय पर सहायता मिल सके. योजना के अंतर्गत युवक के दिव्यांग होने पर ₹15,000, युवती के दिव्यांग होने पर ₹20,000 और दोनों के दिव्यांग होने पर ₹35,000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है. यह आर्थिक सहायता कई परिवारों के लिए एक नई शुरुआत का आधार बनती है. इससे न केवल दिव्यांगजन बल्कि उनका परिवार भी सामाजिक रूप से सशक्त होता है.
पारदर्शिता के लिए डीबीटी से भेजी जा रही राशि
योजना की पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए लाभार्थियों को राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाती है. इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है और सहायता समय पर व बिना किसी बाधा के पहुंचती है. वर्ष 2024-25 में इस योजना के लिए ₹2.64 करोड़ का बजट तय किया गया था, जिसमें से ₹1.92 करोड़ खर्च कर 819 दिव्यांग दंपतियों को आर्थिक लाभ दिया गया. यह दर्शाता है कि सरकार योजना के क्रियान्वयन को लेकर कितनी सक्रिय और सजग है.
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया से मिली बड़ी राहत
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने योजना में आवेदन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है, जिससे लाभार्थियों को लाइन में लगने, दफ्तरों के चक्कर काटने या लंबी कागजी कार्यवाही से राहत मिली है. साथ ही विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी बस्तियों तक योजना की जानकारी पहुंचाई जा रही है, जिससे पात्र लोग योजना का पूरा लाभ ले सकें. विभाग की यह पहल डिजिटल समावेशन और सुशासन का सटीक उदाहरण है.
कोई भी पात्र दिव्यांग न रहे वंचित: मंत्री नरेंद्र कश्यप
दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने स्पष्ट कहा है कि मुख्यमंत्री का निर्देश है कि कोई भी पात्र दिव्यांग दंपत्ति योजना से वंचित न रहे. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास सिर्फ आर्थिक सहायता देना नहीं है, बल्कि दिव्यांगजनों को समाज में बराबरी और सम्मान दिलाना भी है. मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी आवेदनों का शीघ्र, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से निस्तारण कर यह सुनिश्चित किया जाए कि हर पात्र व्यक्ति को योजना का लाभ समय से मिल सके.