UP MURDER: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से एक बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है. बेहटा मजावर के हरईपुर निवासी और मेडिकल स्टोर संचालक अंकित पटेल (27) का शव मंगलवार रात गांव से करीब एक किलोमीटर दूर निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे में जलनिकासी के लिए डाले गए सीमेंट पाइप में बरामद हुआ. शव को पाइप के दोनों सिरों पर मिट्टी डालकर छिपाया गया था ताकि दुर्गंध बाहर न आए और किसी को शक न हो.
गांव वालों को दुर्गंध से हुआ शक, पुलिस की मौजूदगी में शव बरामद
मंगलवार रात करीब आठ बजे गांव के कुछ लोगों को एक्सप्रेसवे के पास लगे लगभग 15 इंच व्यास के पाइप से दुर्गंध आने का एहसास हुआ. जब ग्रामीणों और परिजनों ने पास जाकर देखा और मिट्टी हटाई तो पहले मानव अंगुली दिखाई दी. जब उसे खींचा गया तो अंगुली उखड़ कर हाथ में आ गई. यह देख मौके पर मौजूद हर कोई सन्न रह गया. तुरंत ही पुलिस को सूचना दी गई.
सूचना मिलते ही मौके पर एसओ मुन्ना कुमार और सीओ अरविंद चौरसिया पुलिस फोर्स और फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचे. दो सिपाहियों को पाइप के अंदर भेजा गया, जहां से अंकित का शव बाहर निकाला गया. शव की स्थिति देखकर साफ हो गया कि यह कई दिन पुराना है. बेटे की लाश देखकर अंकित के पिता रामजीवन, मां राममूर्ति, बहन शालिनी और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया.
प्रेम प्रसंग या लेनदेन बना हत्या की वजह?
घटना के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया है. ग्रामीणों के बीच चर्चा है कि यह हत्या किसी प्रेम प्रसंग या पैसों के लेनदेन को लेकर की गई है. हालांकि, परिजनों ने अभी तक किसी पर सीधा आरोप नहीं लगाया है. वहीं क्षेत्रीय विधायक श्रीकांत कटियार भी मौके पर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी.
पुलिस की शुरुआती जांच में यह संकेत मिल रहे हैं कि हत्या में किसी करीबी व्यक्ति का हाथ हो सकता है. सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि शव कई दिन पुराना है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हत्या कैसे की गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों की पुष्टि होगी. पुलिस ने प्रेम प्रसंग और अन्य सभी बिंदुओं पर जांच तेज कर दी है.
बाइक और नंबर प्लेट पहले ही मिल गई थी, फिर भी पुलिस रही सुस्त
इस हत्याकांड ने पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अंकित 23 मई की रात से लापता था और 24 मई की सुबह तक जब वह घर नहीं लौटा और उसका मोबाइल बंद मिला तो छोटे भाई और भाजपा कार्यकर्ता अतुल पटेल ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
25 मई को परिजनों को अंकित की बाइक गांव से करीब 15 किलोमीटर दूर शादीपुर गांव के पास नहर किनारे मिली थी. बाइक की आगे और पीछे की नंबर प्लेट टूटी हुई थी. इसके बावजूद पुलिस ने पहले गुमशुदगी के नजरिए से ही जांच की और गंभीरता नहीं दिखाई. जब 27 मई की सुबह गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर सरैंया गांव की झाड़ी में बाइक की नंबर प्लेट और चार शराब की बोतलें मिलीं, तब जाकर पुलिस की नींद टूटी.
जांच में सामने आया कि ये शराब की बोतलें चकहनुमान स्थित शराब के ठेके से खरीदी गई थीं. पुलिस ने ठेके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, लेकिन 23 मई की रात नौ बजे के बाद कैमरे बंद मिले. बाद में ठेके से करीब 500 मीटर की दूरी पर ही सीमेंट के पाइप में शव बरामद हुआ.
मोबाइल बंद, सीडीआर से मिलेगी अहम कड़ी
अंकित का मोबाइल फोन भी 23 मई की रात से बंद है. पुलिस उसे कई बार ट्रेस करने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन फोन चालू नहीं हुआ. अब पुलिस मृतक के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) निकलवा रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि हत्या से पहले अंकित किन-किन लोगों के संपर्क में था.
ग्रामीणों में रोष, समय रहते कार्रवाई होती तो बच सकती थी जान
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते तेजी दिखाई होती, तो शायद अंकित की जान बचाई जा सकती थी या कम से कम शव पांच दिन बाद नहीं मिलता. पुलिस की शुरुआती सुस्ती और गंभीरता की कमी ने इस मामले को और पेचीदा बना दिया है.
पुलिस की जांच जारी, कई पहलुओं पर काम
फिलहाल, पुलिस हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है. सर्विलांस टीम को भी लगाया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. सीओ चौरसिया का कहना है कि जल्द ही इस जघन्य हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी.
इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है और एक बार फिर पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. अब देखना होगा कि जांच आगे क्या मोड़ लेती है और अंकित को न्याय कब तक मिलता है.