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तोता, बकरी, गिलहरी और भेड़िया है लोगों का सरनेम… अनोखी परंपरा से भरा यूपी का गांव

UP News: उत्तर प्रदेश के इस खास जिले में यह गांव अपनी अनोखी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है, जहां लोग अपने नाम के पीछे पशु-पक्षियों के नाम उपनाम के रूप में लगाते हैं. गांव में 11 प्रसिद्ध मंदिर भी हैं, जहां दूर-दराज से श्रद्धालु पूजा करने आते हैं.

UP News: भारत को अगर जातियों का देश कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा. यहां हजारों की संख्या में जातियां पाई जाती हैं, जिनकी रीति-रिवाज एक-दूसरे बिल्कुल अलग हैं. कई ऐसी जातियां भी हैं, जिनका नाम सुनने में बहुत अटपटा लगता है. वहीं, कुछ ऐसी भी जातियां हैं, जिन्हें सुनने पर आदमी कहेगा कि क्या इस तरह की भी जातियां भी होती हैं. ज्यादातर लोग अपने नाम के पीछे जाति को ही उपनाम बनाते हैं. लेकिन क्या आपने सुना है कि यूपी में एक ऐसा गांव है, जहां के लोग अपने नाम के पीछे का उपमान पशु-पक्षियों के नाम पर लगाते हैं. आपको पढ़कर हैरानी जरूर होगी, लेकिन सच है कि आज भी इस गांव में कई ऐसे लोग मिल जाएंगे, जिनके नाम के पीछे तोता, गिलहरी, बकरी आदि पशु-पक्षियों का नाम लगा रहता है.

ये है यूपी का अनोखा गांव

दरअसल, यूपी का यह अनोखा गांव बागपत जिले में है, जो कि जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर स्थित है. इस अजब-गजब गांव का नाम बामनौली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गांव में लगभग 14 हजार लोग रहते हैं. यहां के लोग अपना उपनाम बिना किसी झिझक के पक्षियों और जानवरों के नाम पर रखते हैं.

ये है वजह

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस गांव में रहने वाले लोग अपने नाम के पीछे जानवरों और पक्षियों के नाम पर रखने की परंपरा काफी पुरानी है, जो कि अभी तक चली आ रही है. गांव के लोगों के नाम के पीछे अक्सर चिड़िया, बकरी, तोता, बंदर, गिलहरी जैसे कई जानवरों के नाम लगे रहते हैं. इसके अलावा, अगर किसी के नाम पर अगर कोई चिट्ठी आती है, तो यही उपमान भी लिखा रहता है.

धार्मिक आस्था के लिए भी प्रसिद्ध

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांव अपनी ऐतिहासिक विरासत और धार्मिक आस्था के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां कुल 11 प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जो गांव के चारों ओर बसे हुए हैं. नागेश्वर मंदिर, बाबा सुरजन दास मंदिर, ठाकुर द्वारा मंदिर, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, बाबा काली सिंह मंदिर, दिगंबर जैन मंदिर, श्वेतांबर स्थानक, गुरु रविदास मंदिर, वाल्मीकि मंदिर जैसे धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बने हुए है. इन मंदिरों में से कई इतने प्रसिद्ध हैं कि यहां दूर-दराज से लोग पूजा-पाठ और दर्शन करने पहुंचते हैं. ये मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि गांव की सांस्कृतिक पहचान भी हैं.

Shashank Baranwal
Shashank Baranwal
जीवन का ज्ञान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, पेशे का ज्ञान MCU, भोपाल से. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के नेशनल डेस्क पर कार्य कर रहा हूँ. राजनीति पढ़ने, देखने और समझने का सिलसिला जारी है. खेल और लाइफस्टाइल की खबरें लिखने में भी दिलचस्पी है.

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