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शिक्षा में नया बदलाव ला रही योगी सरकार, सामान्य और दिव्यांग बच्चे एक साथ करेंगे पढ़ाई

UP News: सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार समावेशी शिक्षा मॉडल को बढ़ावा दे रही है, जिससे दिव्यांग बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ा जा सके और उन्हें समाज में समान अवसर मिलें.

UP News: अब शारीरिक रूप से अक्षम और आंशिक रूप से मंदबुद्धि बच्चों के लिए अलग स्कूल या विशेष पद्धति की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि योगी सरकार इन विशेष बच्चों को भी सामान्य बच्चों के साथ एक ही स्कूल में शिक्षा दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है. राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर बच्चा, चाहे वह पूरी तरह स्वस्थ हो या किसी मानसिक या शारीरिक अक्षमता से ग्रसित, एक ही छत के नीचे समान शिक्षा पा सके. दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार समावेशी शिक्षा मॉडल को बढ़ावा दे रही है, जिससे दिव्यांग बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ा जा सके और उन्हें समाज में समान अवसर मिलें. यह पहल अभिभावकों के उस सपने को साकार करने की ओर कदम है, जिसमें वे अपने विशेष बच्चे को सामान्य बच्चों के साथ प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ते देखना चाहते हैं.

इन जिलों में संचालित हो रहा स्कूल

उत्तर प्रदेश में समावेशी शिक्षा को एक नई दिशा देने के लिए योगी सरकार ने सात जिलों औरैया, लखनऊ, कन्नौज, प्रयागराज, आजमगढ़, बलिया और महराजगंज में समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों की शुरुआत की है. इन स्कूलों की खास बात यह है कि यहां देखने, सुनने और सामान्य बच्चे एक साथ एक ही परिसर में पढ़ाई कर रहे हैं. इन विद्यालयों में अब तक 325 छात्रों का पंजीकरण हो चुका है और सभी विद्यार्थी एक संवेदनशील, प्रेरणादायी और समावेशी शैक्षणिक माहौल में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. योगी सरकार का स्पष्ट मानना है कि दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए केवल विशेष स्कूल ही नहीं, बल्कि उन्हें सामान्य बच्चों के साथ समान शिक्षा मंच पर लाना जरूरी है. यही दृष्टिकोण समावेशी शिक्षा को सार्थक और प्रभावी बनाता है.

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उपलब्ध कराए जा रहे हैं ये सुविधाएं

इन स्कूलों में विशेष शिक्षक तैनात किए गए हैं और स्पेशल एजुकेशन से जुड़ी जरूरी सामग्री जैसे ब्रेल लिपि की किताबें, श्रवण यंत्र, रैम्प, व्हीलचेयर और अन्य सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं. साथ ही सामान्य बच्चों और दिव्यांग छात्रों के बीच संवाद, सहयोग और साझा गतिविधियों को बढ़ावा देकर भेदभाव को खत्म करने का भी प्रयास किया जा रहा है. योगी सरकार का यह प्रयास केवल वर्तमान स्कूलों तक ही सीमित नहीं है. गाजियाबाद में एक नया समेकित विशेष विद्यालय बनने की प्रक्रिया जारी है. वहीं मिर्जापुर, एटा, प्रतापगढ़, वाराणसी और बुलंदशहर में भी इन स्कूलों के निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं. इसका लक्ष्य प्रदेश के सभी क्षेत्रों में दिव्यांग छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण माध्यमिक शिक्षा उपलब्ध कराना है, जिससे वे अपनी प्रतिभा और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें.

समान अवसर देने की दिशा में काम

पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार दिव्यांग बच्चों को केवल दया की नजर से नहीं, बल्कि सम्मान और समान अवसर देने की दिशा में काम कर रही है. समेकित विद्यालयों के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि कोई भी दिव्यांग बच्चा शिक्षा के मामले में पिछड़ने न पाए. यह योजना दिव्यांग बच्चों के आत्मविश्वास, शिक्षा और उनके भविष्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है. इसके साथ ही यह समाज में समानता, सह-अस्तित्व और समावेशिता की भावना को भी मजबूत करने में मददगार साबित हो रही है.

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Shashank Baranwal
Shashank Baranwal
जीवन का ज्ञान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, पेशे का ज्ञान MCU, भोपाल से. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के नेशनल डेस्क पर कार्य कर रहा हूँ. राजनीति पढ़ने, देखने और समझने का सिलसिला जारी है. खेल और लाइफस्टाइल की खबरें लिखने में भी दिलचस्पी है.

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