UP NEWS: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा नाम माने जाने वाले हरिशंकर तिवारी के बेटे और समाजवादी पार्टी (सपा) नेता विनय शंकर तिवारी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. अब उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है, जिससे उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है.
क्या था मामला?
ED ने विनय शंकर तिवारी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया था. यह मामला गोरखपुर स्थित ग्रेटर नोएडा की एक शेल कंपनी के जरिए काले धन को सफेद करने (money laundering) से जुड़ा था. एजेंसी का आरोप था कि इस कंपनी का उपयोग अवैध धन के लेन-देन के लिए किया गया. विनय शंकर तिवारी पर आरोप था कि उन्होंने करोड़ों रुपये की हेराफेरी की है.
गिरफ्तारी और जांच
ED ने इस मामले में तिवारी को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने उनके आवास और उनसे जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. इस दौरान ED को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले थे, जिनके आधार पर कार्रवाई की गई. गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया, जहां से उन्होंने अपनी जमानत के लिए हाई कोर्ट का रुख किया. निचली अदालत से उन्हें पहले जमानत नहीं मिली थी.
हाई कोर्ट का फैसला
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केस की सुनवाई करते हुए माना कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूत इस समय इतनी गंभीरता नहीं दर्शाते कि अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में रखा जाए. कोर्ट ने यह भी देखा कि आरोपी अब तक जांच में सहयोग कर रहे हैं और सबूतों से छेड़छाड़ की कोई आशंका नहीं है.
कोर्ट ने यह शर्त लगाई कि:
आरोपी जांच में पूरा सहयोग करेंगे, अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे और किसी भी प्रकार से साक्ष्य को प्रभावित नहीं करेंगे.
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में प्रतिक्रिया
विनय शंकर तिवारी को मिली जमानत के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल देखी जा रही है. सपा नेताओं ने इसे न्याय की जीत बताया है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. वहीं भाजपा खेमे में इसे कानून की सामान्य प्रक्रिया बताया गया.
हरिशंकर तिवारी की विरासत
हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल की राजनीति में एक कद्दावर नाम रहे हैं. वह कई बार विधायक रहे और पूर्वांचल की राजनीति में उनका खासा प्रभाव रहा है. उनके बेटे विनय शंकर तिवारी ने भी राजनीति में कदम रखा और सपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं. विनय शंकर तिवारी को इस मामले में जमानत मिलना, न केवल उनके राजनीतिक भविष्य के लिए अहम है, बल्कि इससे पूर्वांचल की राजनीति में भी एक नया मोड़ आ सकता है.
हालांकि हाई कोर्ट से मिली जमानत उनके लिए राहत की बात है, लेकिन जांच अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. ED द्वारा दायर चार्जशीट और आगे की सुनवाई में अगर उनके खिलाफ पुख्ता सबूत सामने आते हैं, तो उन्हें फिर से कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है. फिलहाल उन्हें शर्तों के साथ अंतरिम राहत मिली है.