UP News: उत्तर प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अब एक बड़ी बदलाव किया गया है. इस योजना के अंतर्गत अब लाभार्थियों को विवाह समारोह के दौरान ही मौके पर रजिस्ट्रार या मैरेज ब्यूरो द्वारा पंजीकृत कर विवाह प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा. यह निर्णय समाज कल्याण विभाग द्वारा पारदर्शिता बढ़ाने और किसी भी प्रकार की धांधली को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है. पंजीकरण प्रक्रिया को त्वरित और वैध बनाने के लिए अब विवाह स्थल पर ही अधिकृत अधिकारी उपस्थित रहेंगे, जिससे विवाह को कानूनी मान्यता तुरंत दी जा सके.
फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए आधार आधारित सत्यापन
समाज कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि योजना में पारदर्शिता लाने और गलत लाभार्थियों को लाभ मिलने से रोकने के लिए अब आधार कार्ड के माध्यम से लाभार्थियों का सत्यापन भी अनिवार्य किया गया है. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिले जो इसके सही हकदार हैं. विभाग का उद्देश्य यह है कि कोई भी दलाल या बिचौलिया योजना का गलत इस्तेमाल न कर सके. इस तकनीकी सत्यापन से योजना पर जनता का भरोसा भी मजबूत होगा.
बलिया में हुआ था बड़ा फर्जीवाड़ा, 240 नकली शादियां कराई गईं
जनवरी 2024 में बलिया के मनियर ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत बड़ा घोटाला सामने आया था, जिसमें शादीशुदा लोगों की दोबारा शादी कराकर उन्हें लाभ दिलवाया गया. इस घोटाले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद जांच शुरू हुई. जांच में सामने आया कि दलालों और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से 240 से अधिक फर्जी शादियां कराई गई थीं. इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई, 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया और दो सहायक विकास अधिकारियों व एक लिपिक को तत्काल निलंबित किया गया. इस घटना ने शासन को पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए कदम उठाने पर मजबूर कर दिया.
नया नियम: बिना लक्ष्य तय किए होंगे विवाह
कुमार प्रशांत ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अब किसी प्रकार का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि कोई लक्ष्य तय किया गया तो अधिकारियों पर आंकड़े पूरे करने का दबाव बनेगा जिससे योजना की पारदर्शिता और निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है. यदि किसी गांव में सिर्फ पांच जोड़े भी इस योजना के लिए आवेदन करते हैं, तो जिला स्तर के अधिकारी उनका सत्यापन करेंगे और विवाह की अनुमति दी जाएगी. यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है ताकि कोई भी पात्र जोड़ा योजना से वंचित न रहे और हर आवेदन को गंभीरता से लिया जाए.
अब सभी वर्गों को मिलेगा व्यक्तिगत विवाह अनुदान
समाज कल्याण विभाग ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के साथ-साथ अब व्यक्तिगत विवाह अनुदान योजना की भी शुरुआत की है. पहले यह सुविधा केवल पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा पिछड़े वर्ग के लाभार्थियों को दी जाती थी, लेकिन अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत यदि कोई लाभार्थी शादी के तीन माह के भीतर आवेदन करता है, तो उसे 20,000 रुपये का अनुदान सीधे उसके खाते में दिया जाएगा. यह पहल गरीब वर्गों की सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सहायता की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है.