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एक परिसर, दो इबादतगाह… गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रही 447 साल पुरानी ये जगह

UP News: परिसर में बनी इमारतें मुगलकालीन वास्तु कला का नायाब नमूना पेश करती हैं. इस परिसर में एक ही जगह पर मंदिर और मस्जिद दोनों मौजूद हैं, जो कि हिन्दू-मुस्लिम समाज की एकता को और मजबूत बनाती हैं.

UP News: भारत में अक्सर गंगा-जमुनी तहजीब की बात की जाती है, क्योंकि यह हिन्दू और मुस्लिम समाज के बीच भाईचारे और सद्भाव की बानगी पेश करती है. ये कहावत सिर्फ किताब में लिखी एक पंक्ति नहीं है, बल्कि समाज में इसके कई मिसाल भी देखे जाते हैं. ऐसा ही एक नायाब नमूना यूपी के कानपुर देहात जिले में मिलता है. यहां एक शुक्ला तालाब है, जो कि हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों की एकता का प्रतीक है. आइए इस तालाब के बारे में विस्तार से जानते हैं.

एक ही जगह मंदिर-मस्जिद

शुक्ला तालाब, कानपुर देहात जिले से तकरीबन 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो कि अकबरपुर तहसील में स्थित है. तालाब परिसर में बनी इमारतें मुगलकालीन वास्तु कला का नायाब नमूना पेश करती हैं. इस परिसर में एक ही जगह पर मंदिर और मस्जिद दोनों मौजूद हैं, जो कि हिन्दू-मुस्लिम समाज की एकता को और मजबूत बनाती हैं. यहां हिन्दू समाज पूजा करता है और मुस्लिम समाज नमाज अदा करता है.

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मुगलकालीन दौर से जुड़ी है शुक्ल तालाब कहानी

जानकारी के मुताबिक, शुक्ला तालाब परिसर का निर्माण 1578 में हुआ था. मुगल बादशाह अकबर ने अकबरपुर का दीवान शीतल शुक्ला और आमिल नत्थे खां को नियुक्त किया था. इस दौरान इलाके में भीषण अकाल पड़ गया था. तब शीतल शुक्ल ने आमिल नत्थे के साथ मिलकर इस जगह पर तालाब और बारादरी का निर्माण कराया था. इसका निर्माण अकबर के रहनुमाई में हो रहा था. सारा खर्च मुगल बादशाह उठा रहे थे. जब अकबर काम का निरीक्षण करने आए, तो सरकारी खर्च का उचित जगह इस्तेमाल से खुश हो गए और शीतल के साथ आमिल नत्थे को इनाम भी किया था. वहीं, शीतल शुक्ला की महादेव में आस्था थी. इसलिए उन्होंने परिसर में नर्मदेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कराया. यह मंदिर जिले और आसपास के लोगों की आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र है. मंदिर की नक्कासी मुगलकालीन दौर की याद दिलाती है. यह परिसर भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है.

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भक्तों का लगता है तांता

सावन के मौके पर नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. हर सोमवार को भक्त महादेव को जल अर्पित करने के साथ पूजा करने जरूर आते हैं. यहां रूद्राभिषेक के साथ, भंडारे का भी आयोजन होता है. लोगों का मानना है कि यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है, वह जरूर पूरी होती है.

हैरिटेज बनाने की योगी सरकार की तैयारी

इस परिसर को लेकर योगी सरकार हैरिटेज होटल बनाने वाली है. इसके लिए योगी कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. सरकार की तरफ से इस परिसर को संजोने के लिए 38 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.

Shashank Baranwal
Shashank Baranwal
जीवन का ज्ञान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, पेशे का ज्ञान MCU, भोपाल से. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के नेशनल डेस्क पर कार्य कर रहा हूँ. राजनीति पढ़ने, देखने और समझने का सिलसिला जारी है. खेल और लाइफस्टाइल की खबरें लिखने में भी दिलचस्पी है.

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