UP Roadways Student Pass: उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम ने यात्रियों, खासकर छात्रों के लिए स्मार्ट एमएसटी (मंथली सीजन टिकट) कार्ड की शुरुआत की है. इस डिजिटल कार्ड के जरिए छात्र कम किराए में सफर कर सकेंगे और बार-बार टिकट खरीदने की जरूरत नहीं होगी. यह सुविधा छात्रों के समय और पैसों दोनों की बचत करेगी, जिससे उनका रोजाना का आवागमन अधिक सरल और सुलभ हो जाएगा.
सिर्फ 300 रुपये में मिलेगा स्मार्ट कार्ड, हर यात्रा पर बचेगा खर्च
स्मार्ट एमएसटी कार्ड बनवाने के लिए छात्रों को 300 रुपये जमा करने होंगे. इस कार्ड से छात्रों को नियमित यात्राओं की तुलना में लगभग 40% तक किराए में छूट मिलेगी. यह कार्ड किसी भी बस स्टेशन से रिचार्ज करवाया जा सकता है, जिससे छात्रों को सुविधा के साथ-साथ फ्लेक्सिबिलिटी भी मिलेगी.
जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर तक के दायरे में मिलेगी सुविधा
इस योजना का लाभ जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर की सीमा में आने वाले छात्र उठा सकेंगे. ऐसे छात्र जो रोजाना पढ़ाई के लिए लंबी दूरी तय करते हैं, उन्हें अब भारी किराए से राहत मिलेगी. रोडवेज की यह सुविधा ग्रामीण और कस्बाई इलाकों के विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित होगी.
हर महीने केवल 60 यात्रा की सीमा, पहचान पत्र अनिवार्य
एक एमएसटी कार्ड से महीने में अधिकतम 60 यात्राएं की जा सकेंगी. हालांकि कार्ड के लिए छात्रों से केवल 25 यात्राओं का किराया लिया जाएगा, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिलेगी. लेकिन यात्रा के समय छात्र का स्कूल/कॉलेज का फोटो युक्त पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य होगा, अन्यथा छूट का लाभ नहीं मिलेगा.
आवेदन प्रक्रिया में जरूरी दस्तावेज, अब तक 35 छात्रों ने किया आवेदन
एमएसटी कार्ड बनवाने के लिए छात्रों को दो पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, हाईस्कूल की मार्कशीट और संबंधित विद्यालय या महाविद्यालय से प्रमाणित पहचान पत्र जमा करना होगा. अभी तक 35 छात्रों ने एमएसटी के लिए आवेदन कर दिया है और प्रक्रिया तेजी से चल रही है. अधिकारी छात्रों को जल्द से जल्द यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं.
जिले में 160 बसों का संचालन, छात्र रोजाना कर रहे यात्रा
फिलहाल जिले में रोडवेज की कुल 160 बसें अलग-अलग रूटों पर संचालित हो रही हैं. इन बसों में बड़ी संख्या में छात्र प्रतिदिन स्कूल, कॉलेज और कोचिंग के लिए सफर करते हैं. एआरएम मदन मोहन शर्मा के अनुसार, इस नई व्यवस्था से छात्रों की जेब पर बोझ कम होगा और शिक्षा के प्रति उनका रुझान बढ़ेगा.