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‘मधुशाला नहीं पाठशाला चाहिए’ – संजय सिंह का योगी सरकार पर करारा हमला

UP School Closed Controversy: आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार पर शिक्षा विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी में हजारों स्कूल बंद कर दिए गए, जबकि शराब की दुकानें तेजी से बढ़ीं. उन्होंने ‘मधुशाला नहीं पाठशाला चाहिए’ नारे के साथ स्कूल बचाओ आंदोलन शुरू किया.

UP School Closed Controversy: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार की सोच शिक्षा विरोधी है. उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि जिस राज्य में लाखों गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, वहां खुद सरकार ही स्कूलों को बंद करने और उन्हें खस्ताहाल छोड़ने में लगी है. उन्होंने कहा कि यह नीति गरीब, दलित और पिछड़े वर्गों के बच्चों को शिक्षा से दूर रखने की साजिश है, जिससे सामाजिक असमानता और बढ़े.

2 लाख से ज़्यादा शिक्षकों के पद खाली, स्कूल खस्ताहाल

संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक लगभग दो लाख शिक्षकों की भारी कमी है. प्राथमिक शिक्षा में 1.93 लाख, माध्यमिक में 3,872 और उच्चतर माध्यमिक में 8,714 शिक्षक नहीं हैं. इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है. कई स्कूल ऐसे हैं जहां एक शिक्षक ही पूरी कक्षा और विषयों को पढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जो बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय है. प्रयागराज जैसे जिले में 600 से ज्यादा स्कूलों की इमारतें इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि वे किसी भी वक्त गिर सकती हैं, लेकिन सरकार मरम्मत तक नहीं करवा रही.

27,000 स्कूल बंद, अब 5,000 और की तैयारी

संजय सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह अब तक 27,000 सरकारी स्कूल बंद कर चुकी है और 5,000 और स्कूल बंद करने की योजना बना रही है. सरकार यह कहकर अपना पल्ला झाड़ रही है कि इन स्कूलों में छात्रों की संख्या कम है, जबकि असलियत यह है कि जब सरकार शिक्षकों की भर्ती नहीं करती, बुनियादी सुविधाएं नहीं देती और स्कूलों की हालत सुधारने में कोई रुचि नहीं दिखाती, तो छात्र खुद-ब-खुद वहां से हट जाते हैं. यह एक सोची-समझी रणनीति है, जिससे सरकारी शिक्षा तंत्र को धीरे-धीरे खत्म किया जा सके.

27,308 शराब की दुकानें, लेकिन शिक्षा उपेक्षित

जब एक ओर सरकारी स्कूलों को लगातार बंद किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है. संजय सिंह ने आंकड़ों के हवाले से बताया कि अब तक 27,308 शराब की दुकानें खुल चुकी हैं. यह साफ दिखाता है कि सरकार की प्राथमिकता बच्चों की शिक्षा नहीं, बल्कि शराब के कारोबार को बढ़ाना है. शिक्षा पर जहां प्रति छात्र मात्र ₹9,167 सालाना खर्च हो रहा है, वहीं यह राष्ट्रीय औसत ₹12,768 से काफी कम है, जो यूपी की शिक्षा नीति की असफलता को उजागर करता है.

‘स्कूल बचाओ आंदोलन’ का एलान

संजय सिंह ने ऐलान किया कि आम आदमी पार्टी पूरे उत्तर प्रदेश में ‘स्कूल बचाओ आंदोलन’ चलाएगी. इसके तहत गांव-गांव जाकर जनता को बताया जाएगा कि सरकार शिक्षा को क्यों बर्बाद कर रही है और शराब को बढ़ावा क्यों दे रही है. आंदोलन का नारा होगा – “मधुशाला नहीं पाठशाला चाहिए”. पार्टी कार्यकर्ता जनता को जागरूक करेंगे कि कैसे शिक्षा को खत्म कर के सरकार बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है. यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक हर गांव, हर मोहल्ले के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल जाती.

सरकार को चेतावनी: सड़क से सदन तक संघर्ष होगा

आखिर में संजय सिंह ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि योगी सरकार ने शिक्षक भर्ती, स्कूलों की मरम्मत और बंद किए गए स्कूलों को फिर से चालू करने की दिशा में तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए, तो आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को सड़क से लेकर सदन तक हर स्तर पर उठाएगी. उन्होंने कहा कि पार्टी हर मंच पर सरकार को बेनकाब करेगी और तब तक संघर्ष करेगी जब तक शिक्षा को प्रदेश में प्राथमिकता नहीं मिलती.

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