UP Suicide Case: लखीमपुर खीरी की सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कमलापुर में 22 वर्षीय विवाहिता अंजली की दर्दनाक मौत ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है. रविवार दोपहर जब वह अपने दोनों मासूम बच्चों के साथ मायके से ससुराल लौटी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यह उसकी आख़िरी वापसी होगी. घर पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद उसने ज़हरीला पदार्थ खा लिया. तबीयत बिगड़ने पर उसे पहले जिला अस्पताल, फिर लखनऊ रेफर किया गया, जहां देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
मन में घुटता दर्द, रिश्तों की अनबन बनी मौत की वजह
अंजली और उसके पति संगम के बीच लंबे समय से रिश्तों में खटास चल रही थी. मायके लौटकर आने के बाद भी हालात नहीं बदले. कहा जा रहा है कि आए दिन के झगड़ों और ससुराल में उपेक्षा से तंग आकर उसने यह खौफनाक कदम उठाया. वहीं परिजन बताते हैं कि वह अंदर ही अंदर टूट रही थी, लेकिन किसी से अपने दर्द को खुलकर नहीं कह सकी.
सुसाइड नोट में छलका दर्द—’आप मुझे समझ नहीं पाए’
मृतका के पास से मिला सुसाइड नोट उसकी मानसिक पीड़ा और टूटी हुई उम्मीदों का दस्तावेज़ बन गया है. तीन पन्नों में उसने अपने पति संगम को संबोधित करते हुए लिखा कि वह उसे कभी समझ नहीं पाए. अंजली ने लिखा कि उसे सिर्फ इतना मलाल है कि लोग उसकी बातों को उसकी गलती समझते थे, जबकि वह सिर्फ खुलकर बोलती थी और बर्दाश्त नहीं कर पाती थी. अपने पत्र में उसने सभी से माफी भी मांगी और यह भी कहा कि वह किसी को दोषी नहीं ठहराती.
कफ़न मेरे पैसों से लेना, सिंदूर अपने पैसों से…
सुसाइड नोट में अंजली ने अपनी अंतिम इच्छा का उल्लेख करते हुए लिखा कि उसके लिए कफ़न उसके अपने पैसों से लिया जाए, लेकिन सिंदूर पति को अपने पैसों से लाना होगा. इस एक पंक्ति में उसने पति के प्रति अपनी टूटी उम्मीद, औरत की पहचान और रिश्ते की गहराई को बहुत तीव्रता से दर्शाया है.
‘मेरे जाने से संगम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा’
अंजली ने यह भी लिखा कि वह अपनी मर्जी से यह कदम उठा रही है और इसमें किसी की कोई गलती नहीं है. उसने यह तक कहा कि उसकी मौत के बाद उसके पति की जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह वाक्य दर्शाता है कि उसे अपनी अनुपस्थिति की अहमियत तक पर भरोसा नहीं रहा. उसने अपने पति को दूसरी शादी करने की खुली छूट भी दे दी थी, जिससे ये साफ होता है कि वह अपने रिश्ते को लेकर अंदर से पूरी तरह टूट चुकी थी.
बच्चों की परवरिश को लेकर भी जताई चिंता
अंजली ने अपने दोनों बच्चों के बारे में विशेष तौर पर लिखा. उसने पति संगम से कहा कि उनके बेटे कार्तिक को सीने से लगाकर रखना और बेटी प्रियल को अपनी कोमल जीजी के पास छोड़ देना. एक मां के दिल की अंतिम दुआ बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए थी. अपनी जान देने से पहले भी वह इस बात को लेकर चिंतित थी कि उसके बाद उनके बच्चे कहां और कैसे रहेंगे.
मायके वालों का आरोप—ससुरालियों ने दिया ज़हर
जहां अंजली ने खुद की मर्जी से मौत का दावा किया, वहीं उसके मायके वालों का कहना है कि उसे ज़हर जबरन दिया गया. उनका आरोप है कि ससुराल के लोगों ने जानबूझकर अंजली को ज़हरीला पदार्थ खिलाया. पुलिस को मामले की सूचना दे दी गई है, लेकिन अभी तक किसी की ओर से लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. फिलहाल पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और सुसाइड नोट के आधार पर मामले की जांच में जुटी है.
जांच जारी, लेकिन सवाल कई…
कमलापुर की गलियों में इस वक्त सन्नाटा पसरा है. एक मां की मौत, दो मासूमों का अनाथ हो जाना, एक शादीशुदा रिश्ता जो हमेशा के लिए टूट गया इन सबके बीच पुलिस की जांच और परिवार के आरोप-प्रत्यारोप हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सिर्फ एक सुसाइड नोट काफी है उस दर्द को समझने के लिए, जो अंजली को अंदर ही अंदर खा गया?