Uttar Pradesh Village Fight: गोंडा जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के तुलसीपुर माझा गांव में शनिवार को उस वक्त तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब डीएम की चौपाल शुरू होने से कुछ देर पहले ही दो गुट आमने-सामने आ गए. यह विवाद ग्राम प्रधान प्रतिनिधि लालजी सिंह और ग्रामीण अनिल सिंह के बीच शुरू हुआ, जो धीरे-धीरे दोनों पक्षों के समर्थकों की बीच गाली-गलौज और हाथापाई में बदल गया. ग्रामीणों के अनुसार, दोनों पक्ष अपने-अपने वर्चस्व को लेकर पहले से ही तनाव में थे, और जब मौका चौपाल से पहले मिला, तो दोनों गुट आमने-सामने आ गए. कुछ ही पलों में लाठी-डंडे चलने लगे और गांव का माहौल अशांत हो गया.
डीएम के आने से पहले पुलिस ने संभाला मोर्चा
जैसे ही इस विवाद की जानकारी पुलिस को मिली, वहां तैनात पुलिसकर्मी तुरंत हरकत में आए और दोनों पक्षों को अलग कर माहौल को शांत कराने का प्रयास किया. सौभाग्यवश, डीएम नेहा शर्मा के चौपाल स्थल पर पहुंचने से पहले ही स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया. स्थानीय पुलिस ने तत्काल दोनों पक्षों से बातचीत कर मामला शांत कराया और चौपाल को शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी मौके पर बुलाया गया. प्रशासन की तत्परता से बड़ी अनहोनी टल गई और कानून व्यवस्था पर नियंत्रण बना रहा.
पांच लोग हिरासत में, गांव में पुलिस बल तैनात
घटना की सूचना डीएम नेहा शर्मा तक पहुंची तो उन्होंने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. नवाबगंज थानाध्यक्ष अभय सिंह ने जानकारी दी कि दोनों पक्षों से पांच लोगों को शांतिभंग की आशंका में हिरासत में लिया गया है. सभी आरोपितों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है.
डीएम ने स्पष्ट किया कि सरकारी कार्यक्रमों के दौरान किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके बाद गांव में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे.
पुलिस की सतर्कता, गांव में गश्त जारी
तनाव के माहौल को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से पुलिस ने पूरे गांव में गश्त शुरू कर दी है. गांव के मुख्य चौराहों और संवेदनशील स्थानों पर पुलिसकर्मी तैनात हैं. हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की है और चेतावनी दी है कि अगर किसी ने कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों को भी भरोसा दिलाया गया है कि चौपाल का उद्देश्य उनकी समस्याओं का समाधान है, और उसमें किसी तरह की बाधा प्रशासन स्वीकार नहीं करेगा.