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जानिए कैसे ग्रामीण महिलाएं बनीं ‘लखपति दीदी’, सिर्फ बिजली बिल वसूल कर बदली अपनी किस्मत

Vidyut Sakhi Scheme: विद्युत सखी योजना के तहत अब तक महिलाओं ने 2100 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल कलेक्शन कर 26.56 करोड़ रुपये का कमीशन कमाया है. 14,229 सखियां सक्रिय हैं और लक्ष्य 31 हजार का है. लखपति दीदी बनने वाली सखियों की संख्या 438 तक पहुंच चुकी है.

Vidyut Sakhi Scheme: उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) अब ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक उन्नति को और रफ्तार देने जा रहा है. वर्तमान में प्रदेश में 14,229 विद्युत सखियां सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं. अब मिशन की योजना है कि 16 हजार से ज्यादा नई सखियों को जोड़ा जाए, जिससे इनकी कुल संख्या 31 हजार हो सके. इसके लिए योजना में संशोधन करते हुए अब दो ग्राम पंचायतों पर एक विद्युत सखी नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल संग्रहण की रफ्तार भी बढ़ेगी और महिलाओं को नया रोजगार मिलेगा.

2020 से चल रही योजना ने बदली हजारों महिलाओं की जिंदगी

इस योजना की शुरुआत मई 2020 में यूपीएसआरएलएम द्वारा की गई थी. इसका उद्देश्य था स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को एक स्थायी आय का स्रोत उपलब्ध कराना. योजना को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL), ICICI बैंक और तकनीकी सहयोगी संस्था CEEW के साथ मिलकर लागू किया गया. शुरू में चार ग्राम पंचायतों पर एक सखी तैनात होती थी, लेकिन योजना की सफलता को देखते हुए अब इसकी पहुंच और गहराई दोनों बढ़ाई जा रही है.

2100 करोड़ रुपये का कलेक्शन, 26.56 करोड़ रुपये की कमाई

विद्युत सखियों ने अब तक बिजली वितरण कंपनियों के लिए 2100 करोड़ रुपये की बिल वसूली की है. इस वसूली पर उन्हें कमीशन के तौर पर अब तक कुल 26.56 करोड़ रुपये मिले हैं. वर्ष 2024-25 में ही सखियों ने 13.40 करोड़ रुपये की कमाई की, जो योजना की सफलता और सखियों की मेहनत का प्रमाण है. इस आर्थिक आत्मनिर्भरता ने ग्रामीण महिलाओं की स्थिति में बदलाव लाया है.

लखपति दीदी बनीं 438 विद्युत सखियां

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस योजना को महिला सशक्तिकरण का सफल मॉडल बताया है. उन्होंने बताया कि 438 विद्युत सखियां अब तक ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं. यह दर्शाता है कि यह योजना न केवल आर्थिक लाभ दे रही है, बल्कि महिलाओं को आत्मविश्वास और पहचान भी दिला रही है. आने वाले समय में और भी सखियां इस लखपति दीदी श्रेणी में शामिल होंगी.

निष्क्रिय सखियों को हटाने की तैयारी

कुछ ऐसी विद्युत सखियां हैं जो योजना के तहत पंजीकृत तो हैं लेकिन सक्रिय रूप से कार्य नहीं कर रही हैं. ऐसे मामलों में विभाग द्वारा सखियों को प्रोत्साहित करने की कोशिश की जा रही है. यदि वे फिर भी सक्रिय नहीं होतीं, तो उनके स्थान पर दूसरी इच्छुक और प्रशिक्षित महिलाओं को जिम्मेदारी दी जाएगी. इससे योजना की गुणवत्ता और प्रभावशीलता दोनों में सुधार आएगा.

हर साल बढ़ा प्रदर्शन, 2024-25 में 1045 करोड़ का रिकॉर्ड कलेक्शन

विद्युत सखियों के प्रदर्शन में हर वर्ष उल्लेखनीय सुधार देखा गया है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में उन्होंने 87 करोड़ रुपये, 2022-23 में 262 करोड़ और 2023-24 में 466 करोड़ रुपये का बिल कलेक्शन किया. बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में सखियों ने रिकॉर्ड 1045 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. चालू वर्ष में भी अब तक 169 करोड़ रुपये का बिल जमा किया जा चुका है, साथ ही ओटीएस योजना के तहत 303 करोड़ रुपये की वसूली भी की गई है. ये आंकड़े दर्शाते हैं कि यह योजना न केवल महिलाओं के लिए लाभकारी है, बल्कि बिजली कंपनियों के लिए भी राजस्व संग्रह का एक मजबूत माध्यम बन गई है.

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