Viral Calf Birth 2025: बागपत जनपद के टिकरी कस्बे में एक ऐसा दुर्लभ और अकल्पनीय दृश्य सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र को आस्था और जिज्ञासा के रंग में रंग दिया है. यहां किसान जाहिद के घर एक ऐसे विचित्र बछड़े का जन्म हुआ है, जिसके दो मुंह और तीन आंखें हैं. इस अनोखी रचना को देखने के लिए दूर-दराज़ से लोग उमड़ पड़े हैं. कोई इसे ईश्वर का चमत्कार मान रहा है, तो कोई इसे कुदरत का अद्भुत संकेत बता रहा है. इस बछड़े की तस्वीरें और वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं.
जाहिद के घर गऊ माता ने दिया विचित्र बछड़े को जन्म
टिकरी कस्बे में रहने वाले किसान जाहिद के अनुसार, उनकी गाय गर्भवती थी लेकिन उसकी स्थिति एकदम सामान्य थी. किसी को अंदेशा भी नहीं था कि ऐसा असाधारण कुछ होने वाला है. जन्म के वक्त परिवार और गांववाले हैरान रह गए जब देखा कि बछड़े के दो मुंह और तीन आंखें हैं, दोनों मुंह पूरी तरह से विकसित हैं और तीनों आंखें भी कार्यशील प्रतीत होती हैं. यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और सुबह होते-होते जाहिद के घर पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
फूल, माला और आरती से किया गया स्वागत, लोगों ने पैसे भी चढ़ाए
गांव में महिलाओं ने इसे किसी देवता के अवतार की तरह मानते हुए फूल-मालाएं चढ़ाईं, नारियल फोड़े और बाकायदा आरती उतारी गई. कई श्रद्धालु बछड़े के पास बैठकर पूजा-पाठ करते दिखे. कुछ लोगों ने वहां नकद पैसे चढ़ाए और प्रणाम किया. लोग इसे ‘गौ माता के गर्भ से उत्पन्न चमत्कार’ मानते हुए मनोकामनाएं मांगने लगे हैं. कुछ श्रद्धालुओं ने तो यह तक कहना शुरू कर दिया कि यह किसी विशेष शक्ति का प्रतीक है जो किसी महान परिवर्तन का संकेत दे रहा है.
डॉक्टरों ने बताया जेनेटिक डिफेक्ट, लाखों में होता है ऐसा मामला
इस खबर के वायरल होते ही पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बछड़े की बारीकी से जांच की. डॉक्टरों ने बताया कि यह एक जन्मजात जेनेटिक असामान्यता (Congenital Genetic Defect) है, जिसे विज्ञान में क्रेनियोफेसियल डुप्लिकेशन (Craniofacial Duplication) कहते हैं. ये स्थिति भ्रूण के विकास के दौरान होने वाली गंभीर जीन संबंधी गड़बड़ी के कारण होती है. डॉक्टरों के मुताबिक, ऐसे मामले दुनिया में लाखों में एक बार देखने को मिलते हैं, और यह बछड़ा पूरी तरह से दुर्लभ श्रेणी में आता है.
किसान जाहिद बोले- सामान्य थी गाय, लेकिन रात में हुआ करिश्मा
किसान जाहिद ने बताया कि उनके पास वर्षों से कई गायें हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा दृश्य कभी नहीं देखा. वह बताते हैं, “गाय बिल्कुल ठीक थी, गर्भावस्था के दौरान कोई असामान्यता नहीं दिखी. लेकिन जब रात को यह बछड़ा जन्मा और हमनें उसका चेहरा देखा, तो हम सभी भौचक्के रह गए. पूरे परिवार के लिए यह चमत्कार जैसा था.” जाहिद खुद भी समझ नहीं पा रहे कि इसे आस्था से जोड़ें या विज्ञान से.
गांव में बना आस्था का केंद्र, चमत्कार या विज्ञान? बहस जारी
अब यह बछड़ा गांव के लिए एक धार्मिक और सामाजिक आकर्षण का केंद्र बन गया है. रोजाना सैकड़ों लोग उसे देखने, पूजने और तस्वीरें लेने पहुंच रहे हैं. कुछ लोग वैज्ञानिक नजरिये से इस पर चर्चा कर रहे हैं तो कुछ इसे पूरी तरह ईश्वरीय संकेत मान रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी इस बछड़े को लेकर बहस छिड़ गई है आस्था बनाम विज्ञान. चाहे जो भी हो, बछड़े का जन्म टिकरी कस्बे को अचानक पूरे उत्तर भारत की सुर्खियों में ले आया है.