27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

योगी आदित्यनाथ का नया एक्शन प्लान तैयार! जानिए किन 30 बड़े फैसलों से बदल जाएगा उत्तर प्रदेश

Yogi Adityanath Cabinet Decisions Uttar Pradesh 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 30 बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. भवन निर्माण उपविधि, जेपीएनआईसी संचालन, वृंदावन बस टर्मिनल, लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड औद्योगिक विकास जैसे महत्वपूर्ण फैसले लिए गए.

Yogi Adityanath Cabinet Decisions Uttar Pradesh 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में कुल 30 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. यह बैठक राज्य के लिए कई अहम फैसलों की दृष्टि से ऐतिहासिक रही, जिसमें नगरीय विकास, भवन निर्माण नीति, अधूरी पड़ी योजनाओं का संचालन, आधारभूत संरचना का विस्तार और औद्योगिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाने को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. योगी सरकार की इस बैठक से यह स्पष्ट संकेत गया कि राज्य सरकार न केवल योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करना चाहती है, बल्कि पुराने विवादित और रुकी हुई परियोजनाओं को भी एक नए दृष्टिकोण से पुनर्जीवित करने की दिशा में सक्रिय है.

भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 को मिली स्वीकृति, अब कम जगह में भी हो सकेगा अधिक निर्माण

कैबिनेट बैठक में जो सबसे बड़ा फैसला सामने आया, वह था भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 को स्वीकृति देना. इस उपविधि के लागू होने से राज्य के नगरों में मकान मालिकों और भूखंड स्वामियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है. इसमें तय किया गया है कि 10 लाख तक की आबादी वाले नगरों में अगर सड़क की चौड़ाई 18 मीटर है, तो वहां स्थित भवनों में दुकानों का निर्माण किया जा सकता है. वहीं 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 24 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे स्थित भवनों को मिश्रित उपयोग यानी रिहायशी के साथ व्यवसायिक रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस निर्णय से उन लोगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा जिनके भूखंड ऐसे क्षेत्रों में हैं, लेकिन अब तक सख्त मानकों के चलते वे न तो व्यवसाय कर पा रहे थे और न ही अधिक निर्माण की अनुमति ले पा रहे थे. अब इन नए नियमों से शहरी भूखंडों के अधिकतम उपयोग का रास्ता खुलेगा, जिससे रोजगार, व्यवसाय और राजस्व तीनों क्षेत्रों में सुधार देखने को मिलेगा. साथ ही यह उपविधि शहरों के योजनागत विकास की दिशा में भी एक सशक्त आधार बनकर उभरेगी.

जेपीएनआईसी परियोजना का संचालन अब एलडीए के हवाले, कैबिनेट ने सोसाइटी को किया भंग

लंबे समय से विवादों में रही जेपीएनआईसी परियोजना को लेकर भी योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. समाजवादी पार्टी की सरकार में बने इस ड्रीम प्रोजेक्ट के संचालन के लिए जेपीएनआईसी सोसाइटी बनाई गई थी, लेकिन संचालन में पारदर्शिता की कमी और व्यावसायिक उपयोग की अस्पष्टता के चलते यह परियोजना लगातार आलोचना झेल रही थी. अब योगी सरकार ने इस सोसाइटी को भंग कर दिया है और पूरे केंद्र के संचालन, रखरखाव व पुनर्प्रयोजन की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण को सौंप दी है. एलडीए इस परियोजना को पीपीपी मॉडल पर संचालित करेगा, जिससे इसमें निजी निवेश की भी संभावना खुलेगी और यह केंद्र वास्तव में राज्य के लिए उपयोगी बन सकेगा. सरकार ने एलडीए को संचालन की प्रक्रिया, शर्तें तय करने, सदस्यता समाप्त करने और संबंधित सभी कार्यों के लिए पूर्ण अधिकार प्रदान कर दिया है. इस कदम से यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी प्रोजेक्ट केवल निर्माण तक सीमित न रह जाए, बल्कि वह सार्वजनिक उपयोग और शासन की पारदर्शिता की कसौटी पर भी खरा उतरे.

821.74 करोड़ की लागत को माना जाएगा ऋण, एलडीए को 30 वर्षों में चुकानी होगी राशि

जेपीएनआईसी के मामले में कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि अब तक इस परियोजना पर शासन द्वारा जो 821.74 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, उसे लखनऊ विकास प्राधिकरण के पक्ष में ऋण के रूप में स्थानांतरित माना जाएगा. यह एक वित्तीय अनुशासन को स्थापित करने वाला कदम है, जिससे यह तय होगा कि प्राधिकरण सार्वजनिक धन का प्रभावी और जवाबदेह उपयोग करे. एलडीए को यह राशि आगामी 30 वर्षों में वापस करनी होगी. इससे एक ओर जहां परियोजना के संचालन पर आर्थिक संतुलन बना रहेगा, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार की भूमिका केवल सुविधा प्रदाता तक सीमित रह जाएगी और वित्तीय जिम्मेदारी का सही वितरण हो सकेगा. यह व्यवस्था दर्शाती है कि योगी सरकार अब बड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में वित्तीय उत्तरदायित्व के सिद्धांत को गंभीरता से लागू कर रही है.

लखनऊ के वृंदावन योजना में बनेगा हाईटेक बस टर्मिनल, इलेक्ट्रिक और सीएनजी स्टेशन की भी सुविधा

राजधानी लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने की दिशा में एक और बड़ा फैसला किया गया, जिसमें वृंदावन योजना क्षेत्र में एक अत्याधुनिक बस टर्मिनल बनाने की मंजूरी दी गई. इस टर्मिनल को सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) मॉडल पर तैयार किया जाएगा और खास बात यह है कि इसमें एक ही स्थान पर इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों के चार्जिंग स्टेशन की भी व्यवस्था होगी. इससे न सिर्फ यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि परिवहन सेवाओं का केंद्रीकरण भी हो सकेगा. आज जब ई-वाहनों और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार गंभीर है, तो यह टर्मिनल आने वाले समय में राज्य की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बन सकता है.

लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मिली मंजूरी, यातायात और निवेश को मिलेगी नई दिशा

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को भी कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की. यह परियोजना राजधानी को दो बड़े औद्योगिक और यातायात मार्गों से जोड़ने का कार्य करेगी. इससे न सिर्फ ट्रैफिक लोड में कमी आएगी, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों तक सीधे संपर्क से निवेशकों को भी आकर्षण मिलेगा. यह लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की सड़क परिवहन नीति को और सशक्त करेगा और क्षेत्रीय विकास में भी सहायक सिद्ध होगा.

बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण की नियमावली को स्वीकृति, पिछड़े क्षेत्र को मिलेगा विकास का नया रास्ता

कैबिनेट बैठक में बुंदेलखंड क्षेत्र को लेकर भी एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसके तहत ‘बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण’ की नियमावली को मंजूरी दी गई. यह फैसला बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को बढ़ावा देने और वहां के युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में एक ठोस प्रयास है. प्राधिकरण की स्थापना से न केवल सरकारी योजनाएं गति पकड़ेंगी, बल्कि निजी क्षेत्र भी इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होगा. यह निर्णय राज्य सरकार के ‘संतुलित क्षेत्रीय विकास’ की अवधारणा को धरातल पर लाने का सशक्त माध्यम बनेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel