Yogi Adityanath News: उत्तर प्रदेश सरकार हर ग्राम पंचायत में पर्यावरण संरक्षण को लेकर नया अभियान शुरू करने जा रही है. अब हर माह के तीसरे शुक्रवार को ग्रीन चौपाल का आयोजन होगा. यदि उस दिन राजकीय अवकाश हुआ, तो अगले दिन अनिवार्य रूप से यह बैठक कराई जाएगी. इस चौपाल में पर्यावरण संबंधी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा.
चौपाल की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और पंचायत अधिकारियों पर
ग्रीन चौपाल के अध्यक्ष ग्राम प्रधान होंगे, जबकि संचालन भी वही करेंगे. सदस्य सचिव सेक्शन/बीट अधिकारी होंगे और संयोजक ग्राम पंचायत अधिकारी रहेगा. इस समिति में पंचायत सदस्यों, महिला समूहों, स्कूलों, आंगनबाड़ी सहायिकाओं, स्थानीय एनजीओ प्रतिनिधियों समेत कई अन्य लोगों को भी जोड़ा जाएगा.
प्रचार-प्रसार के जरिए बढ़ेगी जागरूकता
स्थानीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर नुक्कड़ नाटक, रैली और गोष्ठियों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा. विद्यालयों में शिक्षक और छात्र भी इस मुहिम का हिस्सा बनेंगे. ग्रीन चौपाल की निगरानी जिला वृक्षारोपण समिति करेगी.
हरित निधि और पौधरोपण की होगी निगरानी
हर ग्राम पंचायत में माइक्रोप्लान के तहत पौधरोपण कराया जाएगा. पंचायत की रिक्त भूमि पर पौधे लगाए जाएंगे और उनका रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा. ग्रीन चौपाल मिशन लाइफ, वन्यजीव, वैकल्पिक ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन जैसे अभियानों को भी गांव तक पहुंचाएगी. साथ ही ग्राम हरित निधि की स्थापना और संचालन पर विशेष जोर होगा.
उत्कृष्ट ग्रीन चौपाल को मिलेगा राज्य स्तरीय सम्मान
मुख्य विकास अधिकारी की देखरेख में हर महीने चौपाल के कार्यों का ब्योरा जिला पंचायत राज अधिकारी तैयार करेंगे. समन्वय प्रभागीय वनाधिकारी के जरिए किया जाएगा. जिला स्तरीय वृक्षारोपण/पर्यावरण समिति की सिफारिश पर राज्य स्तर पर बेहतरीन ग्रीन चौपालों को सम्मानित किया जाएगा.