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इसीएल में 1300 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप

उन्होंने इस बाबत भारत सरकार के कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी को पत्र लिखा.

सांसद कीर्ति आजाद ने की केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग सुबह जारी किया पत्र, शाम को अपना शिकायत पत्र वापस लिया

अंडाल. दुर्गापुर–बर्दवान लोकसभा क्षेत्र के सांसद कीर्ति आजाद ने ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) में कथित 1300 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्रीय एजेंसियों सीबीआइ और ईडी से कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने इस बाबत भारत सरकार के कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी को पत्र लिखा. यह पहला मौका है जब किसी टीएमसी सांसद ने खुलकर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच की मांग की है. हालांकि, 2 अगस्त की देर शाम उन्होंने अपना यह शिकायत पत्र वापस भी ले लिया.

14 कंपनियों पर लगे आरोप: पत्र में जिन 14 कंपनियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गये हैं, उनका पता पश्चिम बर्दवान जिले के उखड़ा स्थित एमजी रोड बताया गया है. इनमें प्रमुख कंपनियां हैं, कोल माइंस एसोसिएट ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड, श्री दुर्गा ट्रांसपोर्ट एजेंसी, एनसी पाल एंड कंपनी, श्री दुर्गा ट्रेडर्स, श्री दुर्गा इंजीनियरिंग वर्क्स, दे इंटरप्राइज, सीएमएटी प्रा. लि., एनसीपीसी–एनकेएएस (ज्वाइंट वेंचर), कोलफील्ड्स ट्रांसपोर्ट, कोल माइंस सर्विस स्टेशन, एनसीपीसी–जेएमसीटी–सीएमएटी (ज्वाइंट वेंचर), सीएमएटी प्रा. लि.–यूसीसी (ज्वाइंट वेंचर), एनसीपीसी–एनकेएसी–यूसीसी (ज्वाइंट वेंचर) और एसडीटीए इन्फ्रा–एसआरएससी (ज्वाइंट वेंचर).

सांसद का कहना था कि इनमें से अधिकांश कंपनियां टीएमसी जिला सभापति के करीबी सहयोगियों से जुड़ी हैं. क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी सीएमएटी प्राइवेट का काम अब तक सबके सामने था, लेकिन सांसद के पत्र के बाद बाकी कंपनियां भी चर्चा में आयीं.

शिकायत और वापसी पर सवाल

यह पत्र दरअसल 23 जून 2025 को लिखा गया था, लेकिन 2 अगस्त को इसे सार्वजनिक किया गया. सुबह शिकायत की कॉपी जारी हुई और शाम को शिकायत वापसी का पत्र भी सार्वजनिक कर दिया गया. इससे जनता के बीच कई सवाल उठने लगे, आसनसोल के सांसद चुप क्यों हैं, जबकि दुर्गापुर–बर्दवान के सांसद ने भ्रष्टाचार का मुद्दा क्यों उठाया? और आखिर किन परिस्थितियों में कीर्ति आजाद को शिकायत वापस लेनी पड़ी?

राजनीतिक प्रतिक्रिया और आरोप-प्रत्यारोप

केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर सभी 14 कंपनियों का नाम सार्वजनिक किया और जांच की मांग का समर्थन किया. वहीं भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने भी कीर्ति आजाद का समर्थन किया. उन्होंने कहा, ‘कीर्ति आजाद ने साहस दिखाया, क्योंकि उनके आसपास बैठे लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. लेकिन शाम को क्या मजबूरी रही कि उन्हें शिकायत वापसी का पत्र भी जारी करना पड़ा? अब देखना यह होगा कि वह पार्टी में कितने दिन टिके रहते हैं.’ तिवारी ने आरोप लगाया कि इसीएल के कुछ बड़े एरिया के जनरल मैनेजर टीएमसी नेताओं को खुश कर करोड़ों रुपये कमा रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे अधिकारी नेताओं के साथ जेल जाने को तैयार रहें.

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