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भारी बारिश से बरजोड़ा बाजार जलमग्न

व्यवसायियों को हुआ लाखों का नुकसान, जल निकासी पर छिड़ा राजनीतिक विवाद

बांकुड़ा. शनिवार शाम 5:30 बजे से रात 8 बजे तक लगातार हुई भारी बारिश और उसके बाद रातभर हुई बरसात ने उत्तर बांकुड़ा के औद्योगिक क्षेत्र बरजोड़ा बाजार को अस्त-व्यस्त कर दिया. चौमाथा मोड़ से मालियाड़ा जाने वाली सड़क पर दवा, कपड़े, स्टेशनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, किराना और मिठाई की करीब सौ दुकानें हैं. नालियों का पानी दुकानों और सब्जी बाजार में घुस गया. कई घरों में भी पानी भर गया. प्रभावित दुकानदारों का कहना है कि लाखों रुपये का सामान पानी में भींगकर बर्बाद हो गया.

पंप चलाने के बाद भी नहीं निकला पानी

रविवार सुबह तक लगातार पंप चलाने के बावजूद दुकानों और घरों से पानी नहीं निकाला जा सका. फिर भी व्यापारी और स्थानीय लोग पंप चलाकर पानी बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह नदी का या किसी बांध का पानी नहीं, बल्कि खराब जल निकासी व्यवस्था की वजह से हुई अभूतपूर्व स्थिति है. जब भी भारी बारिश होती है, जल निकासी चैनल ओवरफ्लो हो जाते हैं और कॉलेज क्रॉसिंग से चौमाथा क्रॉसिंग तक पानी घुस जाता है. इस मुद्दे पर अब राजनीतिक तनाव भी शुरू हो गया है.

व्यापारियों की आपबीती बरजोड़ा चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष तापस माजी ने कहा, “शनिवार शाम से भारी बारिश शुरू हो गयी और लगातार बारिश ने सब कुछ डुबो दिया. उचित जल निकासी व्यवस्था न होने के कारण बारोजड़ा क्रॉसिंग से सटे बाजार क्षेत्र में तेजी से पानी जमा होने लगा. धीरे-धीरे पानी की ऊंचाई इतनी बढ़ गयी कि वह सड़क से बहकर दोनों तरफ की कई दुकानों में घुस गया. हमें पता भी नहीं चला और दुकानों में रखा लाखों रुपये का सामान पानी में भीग गया और बर्बाद हो गया.”

भाजपा का पंचायत पर निशाना

भाजपा नेता और बरजोड़ा पंचायत के विपक्षी नेता गोविंदा घोष ने आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी हाइड्रेन 2016 में स्थापित किया गया था, लेकिन तब से नाले की एक बार भी सफाई नहीं हुई. नतीजतन, जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी. उन्होंने कहा, “मैंने कई बार पंचायत को नहरों की सफाई के लिए कहा, लेकिन विभिन्न बहानों से इसे टाल दिया गया. इस घटना की जिम्मेदारी पूरी तरह से तृणमूल द्वारा संचालित बरजोरा ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और स्थानीय विधायकों की है.”

तृणमूल विधायक ने पलटवार किया

क्षेत्र के तृणमूल विधायक आलोक मुखर्जी ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि समस्या की असली वजह निचले इलाकों में घरों का अनियोजित निर्माण और व्यापारियों द्वारा जल निकासी नहरों पर कब्जा करना है. उन्होंने कहा कि इन कारणों से जल निकासी प्रभावित होती है और बारिश में बाजार क्षेत्र डूब जाता है.

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