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100 दिनों के काम व आवास योजना के लाभ के लिए माकपा का प्रदर्शन

माकपा की रानीगंज एरिया कमेटी ने मंगलवार को वल्लभपुर ग्राम पंचायत की प्रधान को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मनरेगा योजना के तहत 100 दिनों के काम की तत्काल बहाली और गरीबों को आवास योजना का लाभ सुनिश्चित करने सहित कई जनहितकारी मांगें उठायी गयीं.

रानीगंज.

माकपा की रानीगंज एरिया कमेटी ने मंगलवार को वल्लभपुर ग्राम पंचायत की प्रधान को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मनरेगा योजना के तहत 100 दिनों के काम की तत्काल बहाली और गरीबों को आवास योजना का लाभ सुनिश्चित करने सहित कई जनहितकारी मांगें उठायी गयीं.

पार्टी के सदस्य हेमंत प्रभाकर ने बताया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पहले ही एक अगस्त से 100 दिनों का काम शुरू करने का निर्देश दिया है, लेकिन पंचायत की ओर से अभी तक इस बाबत आधिकारिक सूचना नहीं दी गयी है. उन्होंने जोर दिया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी 21 जुलाई को मनरेगा का काम एक अगस्त से शुरू करने की घोषणा की थी, हालांकि, बल्लभपुर की प्रधान ने दावा किया कि उन्हें इस संबंध में कोई सर्कुलर नहीं मिला है, जिससे वामपंथी कार्यकर्ताओं में संदेह पैदा हो गया है कि या तो मुख्यमंत्री या प्रधान झूठ बोल रहे हैं.

माकपा नेता मलय कांति मंडल ने आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों से अधिक समय से मनरेगा योजना बंद पड़ी है, जिससे आम लोग बेरोजगार हो गए हैं और मौजूदा महंगाई के दौर में उनके लिए जीवनयापन बेहद कठिन हो गया है.उन्होंने यह भी कहा कि कई गरीब लोग अभी भी आवास योजना के तहत घरों से वंचित हैं, जिससे उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.कई लोग कच्चे मकानों में रह रहे हैं और उनके पास तिरपाल जैसी बुनियादी सुविधा भी नहीं है.

माकपा नेताओं ने कहा कि मनरेगा के तहत काम बंद होने के कारण बेरोजगारी और गरीबी बढ़ने पर चिंता व्यक्त की. कई गरीब परिवारों को अभी भी आवास योजना के तहत घर नहीं मिला है, और कई लोग तिरपाल जैसी बुनियादी सुविधाओं के बिना कच्चे घरों में रह रहे हैं. घर-घर पेयजल पाइपलाइन बिछाने का काम अधूरा पड़ा है, जिससे क्षेत्र के लोगों को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है. मेदिनीपुर रोड की खराब स्थिति को ठीक करने की मांग की गई है. इलाके की नालियों की सफाई और मरम्मत की मांग की गई, खासकर बल्लभपुर रेल गेट से श्मशान घाट तक के रास्ते की मरम्मत की मांग की गई है, जो बहुत खराब स्थिति में है.

हेमंत प्रभाकर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच “सेटिंग ” का आरोप लगाया, जिसके कारण भ्रष्टाचार के नाम पर मनरेगा का काम बंद कर दिया गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गरीबों को तिरपाल नहीं मिल रहा है, जबकि टीएमसी पार्टी कार्यालयों से तिरपाल 300 में बेचे जा रहे हैं और सरकारी तिरपालों का उपयोग टीएमसी नेताओं के घरों में निजी काम के लिए किया जा रहा है सरकारी आवास योजना में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया. प्रधान को ज्ञापन सौंपने के दौरान पार्टी की ओर से हेमंत प्रभाकर, मलय कांनती मंडल सहित कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे.

वहीं, इन मांगों को लेकर जब पंचायत प्रधान से इस पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सरकारी आवास योजना में अंतिम स्वीकृति बीडियो से मिलती है और वह इस संबंध में बीडियो से बात करेंगी कि आवेदन करने के बावजूद किसे घर नहीं मिला है. माकपा ने चेतावनी दी है कि यदि इन जनहितकारी मांगों को तत्काल पूरा नहीं किया गया, तो आनेवाले समय में और बड़ा आंदोलन किया जायेगा. पार्टी ने भाजपा की तरह विरोध ना करके, मुद्दों की राजनीति करने और गरीबों को रोजगार व सम्मानजनक जीवन दिलाने पर जोर दिया.

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