आसनसोल.
आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के रासडांगा सुमथपल्ली इलाके के निवासी अरविंद दास और उनकी मां पूर्व शिक्षक जूथिका दास को पुलिस ने गंभीर हालत में सोमवार रात को उनके घर से बरामद करके आसनसोल जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सक ने जूथिका को मृत करार दिया और अरविंद का इलाज शुरू कर दिया. प्राथमिक जांच में यह पुष्टि हुई है कि अरविंद भारी कर्ज में डूबा था. कर्जदाता पैसा वापसी का दबाव बना रहे थे, जिससे परेशान होकर मां, बेटे ने एक साथ सुसाइड करने का प्लान बनाया. एक कागज में सुसाइड नोट लिखा और सोमवार रात 8:40 बजे उस नोट का फोटो लेकर अपने एक दोस्त को भेज दिया. दोस्त ने इस सुसाइड नोट को अपने अन्य साथी को फॉरवर्ड कर दिया. वह तुरंत इस नोट को लेकर आसनसोल साउथ थाना में पहुंचा और पुलिस को दिखाया. फिर पुलिस अरविंद के घर पर पहुंची और दरवाजा तोड़ कर अंदर दाखिल हुई. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुव दास ने बताया कि घर के अंदर बेड पर मां, बेटे व फ्लोर पर तीन पालतू कुत्ते अचेत पड़े थे. मां, बेटे दोनों की कलाई की नसें कटी हुई थीं. तुरंत दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने मां को मृत करार दिया और बेटे का इलाज शुरू कर दिया. अरविंद अभी स्वस्थ है. वेटरिनरी चिकित्सक ने तीनों पालतू जानवरों को मृत घोषित किया. इन तीनों का जानवरों का पोस्टमार्टम वेट चिकित्सकों की टीम ने आकर किया. एफएसएल टीम को जांच करने के लिए बुलाया गया. अरविंद के एक परिचित की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज हुई. सूत्रों के अनुसार पुलिस ने कर्ज देनेवाले पांच लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज करके जांच शुरू की है. सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) श्री दास, सहायक पुलिस आयुक्त (सेंट्रल) विश्वजीत नस्कर व अन्य अधिकारी सुबह घटनास्थल का निरीक्षण किया.आत्महत्या के लिए कार्बोलिक एसिड पीने के साथ काटी थी हाथ की नसें
रासडांगा इलाके के निवासी अरविंद दास और उनकी मां जूथिका दास ने सुसाइड करने के लिए कार्बोलिक एसिड पीने के साथ साथ अपनी कलाई की नसें भी काटी थी. खुद मरने से पहले अपने तीन पालतू कुत्तों के खाने में जहर देकर पहले उन्हें मारा, फिर खुद आत्महत्या का प्रयास किया. सही समय पर पुलिस पहुंच जाने के कारण अरविंद की जान बच गयी और वह फिलहाल स्वस्थ है. मां का पोस्टमॉर्टम होने के बाद अस्पताल से उसने जाकर अपनी मां की मुखाग्नि भी किया. पुलिस अभी तक उससे पूछताछ नहीं कर पायी है कि घर में कैसे क्या हुआ? एफएसएल टीम को साक्ष्य संग्रह करने के लिए बुलाया गया है. सूत्रों के अनुसार अरविंद को शेयर बाजार में काफी नुकसान हुआ था. अनेकों जगह से उसने कर्ज भी लिया था. कर्ज का बोझ दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था. जिसके कारण उन्हें कर्जदारों का कटु वाक्य भी सुनना पड़ता था. वह अपने घर का निचला हिस्सा किराये पर दिया था. किरायेदार के साथ भी पैसा को लेकर काफी झमेला चल रहा था. यह दबाव वह बर्दाश्त नहीं कर पाया और ऐसा आत्मघाती निर्णय लिया. जिससे सभी लोग हैरान हैं. इलाके में उसकी पहचान एक अच्छे नागरिक के रूप में थी. हर किसी की मदद में वह हमेशा आगे रहता था.सुसाइड नोट ने बचा ली अरविंद की जान, पर मां नहीं बच सकी
अरविंद और उसकी मां ने एकसाथ आत्महत्या करने का निर्णय लिया. इस निर्णय को लेने के बाद एक सुसाइड नोट लिखा. उसमें पांच लोगों के नाम लिखते हुए उल्लेख किया कि इनके कारण ही वे लोग आत्महत्या कर रहे हैं. इस सुसाइड नोट पर मां, बेटे दोनों ने ही हस्ताक्षर किया. इस सुसाइड नोट का फोटो लेकर अरविंद ने अपने एक परिचित को सोमवार रात 8:40 बजे भेजा. यह उस व्यक्ति ने दोनों के एक कॉमन मित्र को भेजा. यह नोट मिलते ही वह व्यक्ति सीधे आसनसोल साउथ थाना पहुंचकर पुलिस को दिखाया. पुलिस तुरंत उसे लेकर अरविंद के आवास पर रात 9:50 बजे पहुंची. दरवाजा अंदर से बंद था. दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर दाखिल हुई और तुरंत मां, बेटे को अस्पताल पहुंचाया. अरविंद खुशनसीब था कि उसकी जान बच गयी. लेकिन उसकी मां की मौत हो गयी. उसी सुसाइड नोट के आधार पर अरविंद के परिचित ने आसनसोल साउथ थाना में पांच लोगों को आरोपी बनाकर शिकायत दर्ज करवायी. पुलिस सभी से पूछताछ शुरू कर दी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है