आसनसोल.
आसनसोल रेलवे स्टेशन पर बिरयानी की फेरी करने वाला राहुल सिंह नामक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. वह चेन्नई-गुवाहाटी एक्सप्रेस में फेरी कर रहा था, तभी कथित तौर पर आरपीएफ अधिकारी विनय गोराई द्वारा पकड़े जाने के डर से वह चलती ट्रेन से उतरने की कोशिश करने लगा. इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और बाएं पैर की पांचों उंगलियां ट्रेन की पटरी पर आकर कट गयीं. घटना के तुरंत बाद अन्य हॉकरों ने उसे रेलवे ट्रैक से उठाकर स्टेशन परिसर के बाहर लाया. फिर एंबुलेंस से उसे आसनसोल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है. सूत्रों के अनुसार डॉक्टरों ने उसके पैर की पांचों उंगलियां काट दी हैं. इस घटना को लेकर हॉकर यूनियन में भारी आक्रोश है.आरपीएफ पर गंभीर आरोप यूनियन ने उठाये सवाल
आरपीएफ वेस्ट पोस्ट के अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी से इनकार किया है. उनका कहना है कि स्टेशन या यार्ड परिसर में ऐसी कोई घटना उनके संज्ञान में नहीं आयी है. दूसरी ओर, आइएनटीटीयूसी हॉकर्स यूनियन के नेता राजू आहलूवालिया ने आरपीएफ पर हॉकरों के साथ लगातार दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासन जब रोजगार नहीं दे पा रहा है, तो लोगों का रोजगार छीनने का अधिकार भी नहीं है.राजू आहलूवालिया ने कहा कि राहुल सिंह ट्रेन में बिरयानी बेच रहा था, जब आरपीएफ अधिकारी ने उसे दौड़ाया. डर के कारण वह चलती ट्रेन से उतरने लगा और हादसे का शिकार हो गया. यूनियन ने सवाल उठाया कि जब कोई बड़ा अपराध नहीं हुआ था, तो उसे दौड़ाकर पकड़ने की आवश्यकता क्यों थी. उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात भी कही.
फेरीवालों पर नियम और आरपीएफ की भूमिका
गौरतलब है कि रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में खाद्य पदार्थ बेचने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का लाइसेंस अनिवार्य होता है. इसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना है. खाद्य सुरक्षा अधिकारी इन लाइसेंसों की जांच करते हैं. आरपीएफ को इस जांच का अधिकार नहीं होता. आरपीएफ की जिम्मेदारी मुख्यतः रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा तक सीमित है, न कि खाद्य कानूनों के प्रवर्तन तक.
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