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कोयला तस्करी में दो पूर्व अफसरों पर सीबीआइ के आरोप-पत्र को सीएमडी ने दी मंजूरी

बहुचर्चित कोयला तस्करी मामले में मंगलवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. मंगलवार को आसनसोल में विशेष सीबीआइ कोर्ट में कोल इंडिया के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) पीएम प्रसाद मौजूद रहे.

आसनसोल.

बहुचर्चित कोयला तस्करी मामले में मंगलवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. मंगलवार को आसनसोल में विशेष सीबीआइ कोर्ट में कोल इंडिया के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) पीएम प्रसाद मौजूद रहे. मामले से जुड़े आरोपी रहे अधिकारी अमित धर, नरेश साहा इस मामले में संदिग्ध हैं. साथ ही मुख्य आरोपी अनूप माजी उर्फ लाला, जयदेव मंडल, नारायण खड़गे और अन्य भी व्यक्तिगत रूप से पेश हुए. हालांकि मामले में फरार विनय मिश्रा अदालत में नहीं पहुंचा. उसके प्रत्यपर्ण को लेकर सीबीआइ ने विशेष कोर्ट में अर्जी दे रखी है. सीआइएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने दो पूर्व अफसरों के खिलाफ सीबीआइ के आरोप-पत्र को मंजूरी दे दी. जबकि बचाव-पक्ष के वकीलों ने विभागीय जांच की मंजूरी पर सवाल उठाये.

सनद रहे कि सीबीआइ कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था. जिससे यह साफ था कि मामला कितना संवेदनशील व प्रभावशाली लोगों से जुड़ा है. अदालत ने सभी आरोपियों की उपस्थिति दर्ज की और उन्हें अगली तारीख यानी 29 अगस्त 2025 को फिर से हाजिर रहने का निर्देश दिया. बाद में अधिवक्ता शेखर कुंडू ने बताया कि भ्रष्टाचार के मामले में यदि कोई पब्लिक सेक्टर सर्वेंट शामिल रहे, तो उस पर केस होगा कि नहीं, इसे लेकर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 19 के तहत सैंक्शन (मंजूरी) का प्रावधान है. जिससे कोई भी सरकारी एजेंसी, पब्लिक सर्वेंट या सरकारी कर्मचारियों को बेवजह उत्पीड़न ना झेलना पड़े. मालूम रहे कि कोयला तस्करी के मामले में कुल आठ सरकारी कर्मचारियों के नाम है, जिनमें से दो अधिकारियों के सैंक्शन को लेकर सीआइएल के सीएमडी विशेष कोर्ट में पहुंचे थे.

कोल इंडिया के सीएमडी का कोर्ट में पहुंचना अहम समझा जा रहा है. इससे यह संकेत मिल रहा है कि जांच एजेंसी अब उच्च स्तर तक जवाबदेही तय करने की दिशा में बढ़ रही है. हालांकि सीबीआइ की ओर से कोर्ट में इस पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया. इस मामले में करोड़ों रुपये की कोयला तस्करी, नकली बिलिंग, माफिया नेटवर्क, रेलवे और खान विभाग की मिलीभगत जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. मामले की जांच वर्षों से चल रही है और अब कोर्ट की कार्यवाही अंतिम दिशा की ओर बढ़ रही है.

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