जीतेश बोरकर, खड़गपुर.
कहते हैं ना कि मारने वाले से बचानेवाला बड़ा होता है, लेकिन यह उस समय और रोचक हो जाता है जब जान का प्यासा ही जान की रक्षा करे. एेसा ही एक नजारा घाटाल के जलमग्न इलाके में देखा गया. पानी में डूबे सांप के सिर पर अपने प्राणों की रक्षा के लिए एक मेढक जा बैठा. जो सांप उनकी जिंदगी छीन सकता था. वही सांप उसे पानी में डूबने से बचा रहा था.
मेढक उसके सिर पर विराजमान था. मालूम हो कि घाटाल के कई इलाके पानी की चपेट में हैं. सड़कें पानी में डूबकर तालाब में तब्दील हो गयी हैं. वहीं इलाके में सांपों का आतंक भी काफी बढ़ गया है. इलाके में पानी के तेज बहाव की चपेट में आकर एक साथ पानी के साथ बह रहा था. इससे भी हैरतअंगेज बात यह थी कि जो सांप पानी के साथ बह रहा था, उसके सिर पर एक मेढक बैठा हुआ था. जो सांप मेढक का दुश्मन होता है, उसे पकड़ कर खा जाता है. शिकार सांप के सिर पर बैठा था और सांप उसके प्राण लेने के बजाय उसके प्राणों की रक्षा करते हुए उसे पानी में डूबने से बचा रहा था. पानी के तेज बहाव के साथ सांप एक झाड़ियों में फंस गया. स्थानीय लोगों ने सांप के बारे में वन विभाग को जानकारी दी. वन कर्मियों ने सांप को रेस्क्यू किया और मेढक को सुरक्षित स्थान पर छोड़कर सांप को वन कार्यालय लेकर गये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है