कोलकाता
. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से सोमवार को धर्मतला स्थित विक्टोरिया हाऊस के समीप ‘शहीद दिवस’ की सभा में तृणमूल सांसद सह राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी भाजपा पर जमकर निशाना साधते हुए उसे ‘बांग्ला-विरोधी’ पार्टी करार दिया और आरोप लगाया कि भाजपा बंगालियों को डिटेंशन केंद्र में भेजना चाहती है. उन्होंने यह भी दावा किया कि 2026 के बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को चुनावी तौर पर ‘डिटेंशन केंद्र’ में भेज दिया जायेगा और राज्य से उसका सूपड़ा साफ हो जायेगा. श्री बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा बंगालियों को डिटेंशन केंद्र में ले जाना चाहती है. मैं उन्हें साफ-साफ बता देना चाहता हूं कि 2026 में राज्य में होनेवाले विधानसभा चुनाव के बाद हम आपको ही डिटेंशन केंद्र में भेज देंगे. भाजपा लगातार बंगालियों को उनकी मातृभाषा बोलने के कारण निशाना बनाती रही है.” उन्होंने पूछा, ‘हम बांग्ला भाषा बोलते हैं, सिर्फ इसलिए हमें निशाना बनाया जा रहा है. भाजपा असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती? असम में बांग्ला भाषियों पर लगातार हमले हो रहे हैं. यह उनका असली रंग दिखाता है.’मैं संसद में बांग्ला में बोलूंगा : श्री बनर्जी ने आगे कहा कहा, ‘भाजपा हमें रोकने की कोशिश करके दिखाये. जरूरत पड़ी तो हम इस सत्र के दौरान संसद के अंदर बांग्ला भाषा बोलेंगे और फिर हम देखेंगे कि क्या वे हमारी आवाज दबाने की हिम्मत करते हैं. मैं संसद में बांग्ला में बोलूंगा. रोक सकें, तो रोक लें. पिछली बार बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा 77 सीट जीती थी. 2026 में हम उनकी संख्या और कम कर देंगे और चुनावी रूप से उनका सफाया कर देंगे. डायमंड हार्बर से मैंने कहा था कि वे अगले चुनाव में 50 सीट से नीचे सिमट जायेंगे. मेरे शब्दों पर गौर करियेगा क्योंकि ऐसा ही होगा. मैं भविष्यवाणियां नहीं करता. मैं विश्लेषण करता हूं. मुझे बंगाल के लोगों और उनकी भावनाओं पर भरोसा है और केंद्र की मौजूदा सरकार लोगों पर अत्याचार कर रही है.’ भाजपा नीत केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग विपक्षी दलों के नेताओं पर दबाव बनाने के लिए करने, भाजपा पर राज्य के फंड रोकने और गरीबों पर हमले करने का आरोप लगाते हुए कहा- तृणमूल किसी भी केंद्रीय दबाव से डरने वाली नहीं है. पार्टी न इडी से डरती है, न ही सीबीआइ से. हम नहीं झुकेंगे.”10 माह बाद ””जय बांग्ला”” बोलेंगे भाजपा नेता
अभिषेक बनर्जी ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘पहले वे (भाजपा नेता) ‘जय श्री राम’ कहते थे, अब वे ‘जय मां दुर्गा’, ‘जय मां काली’ कह रहे हैं. मेरे शब्दों पर ध्यान दीजिए, 10 महीनों में वे ‘जय बांग्ला’ कहना शुरू कर देंगे. हम उनसे यह बुलवाकर रहेंगे.’ उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भाजपा को सबसे पहले ‘बांग्ला-विरोधी’ (बंगाल विरोधी) बताने का श्रेय दिया और कहा, ‘यह कोई राजनीतिक नारा नहीं है, यह भाजपा की सच्चाई है.’ तृणमूल की ओर से शहीद सभा हर साल 21 जुलाई को आयोजित की जाती है, जो 1993 में हुए उस आंदोलन की याद दिलाती है, जब राज्य की मौजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी युवा कांग्रेस नेता के रूप में मतदाता पहचान पत्र को अनिवार्य करने की मांग को लेकर राइटर्स बिल्डिंग की ओर मार्च कर रही थीं. पुलिस की फायरिंग में उस दिन 13 लोगों की जान चली गयी थी. वर्ष 1998 में तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद से तृणमूल इस दिन को ‘शहीद दिवस’ के रूप में पालन करती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है