कल्याण का लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा मंजूर, पार्टी के भीतर अनुशासन बहाल करने के लिए कड़ा कदम उठाने के संकेत कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मंगलवार को वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी का लोकसभा के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उनके उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा कर दी. इससे पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के मुखर सांसदों पर लगाम लगाने और असंतुष्टों को चेतावनी देने के संकल्प का संकेत मिलता है. इस बात का स्पष्ट संकेत देते हुए कि असहमति और अवज्ञा बर्दाश्त नहीं की जायेगी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने न केवल कल्याण बनर्जी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया, बल्कि एक महत्वपूर्ण फेरबदल भी शुरू कर दिया, जिसमें काकोली घोष दस्तीदार को नया मुख्य सचेतक और शताब्दी रॉय को लोकसभा में उपनेता नियुक्त किया गया.कल्याण के इस्तीफा देने के बमुश्किल 24 घंटे बाद हुए नेतृत्व परिवर्तन से इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता कि ममता बनर्जी पार्टी के भीतर अनुशासन बहाल करने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं. तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘यह उन सभी लोगों के लिए एक संदेश है जो खुद को पार्टी से बड़ा समझते हैं. एक कड़ा संदेश देने की जरूरत थी.’’ तृणमूल ने अपने संसदीय नेतृत्व में बड़े फेरबदल के तहत सोमवार को पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में अपना नया नेता नियुक्त किया. वह वरिष्ठ सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की जगह लेंगे, जो कई महीनों से अस्वस्थ हैं. कल्याण बनर्जी ने संसद में तृणमूल कांग्रेस के सहयोगी सांसदों की उपस्थिति पर सोमवार को सार्वजनिक रूप से सवाल उठाया और आश्चर्य जताया कि क्या ममता बनर्जी को इस बात की जानकारी है कि संसदीय दल कैसे काम कर रहा है, क्योंकि पार्टी सांसदों के बीच समन्वय की कमी के लिए उन्हें (कल्याण) दोषी ठहराया गया था. कल्याण बनर्जी ने यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया कि सांसदों के बीच समन्वय की कमी के लिए उन्हें गलत तरीके से दोषी ठहराया जा रहा है. कल्याण और महुआ मोइत्रा के बीच लंबे समय से पर्दे के पीछे खींचतान चल रही थी, लेकिन हालिया तनाव की शुरुआत श्रीरामपुर के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने से हुई. इस्तीफे के बावजूद, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने संकेत दिया कि सुलह की अब भी गुंजाइश है और कल्याण एवं नवनियुक्त तृणमूल संसदीय दल के नेता अभिषेक बनर्जी के बीच सात अगस्त को एक बैठक निर्धारित है, लेकिन यह संभावना जल्द ही खत्म हो गयी, जब कल्याण ने फिर से निशाना साधा. उन्होंने 2023 का आठ मिनट पुराना एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह “प्रश्न के बदले नकद ” मामले में आचार समिति की कार्यवाही के दौरान लोकसभा में महुआ का बचाव करते दिखाई दे रहे हैं. इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह थी कि कल्याण ने न सिर्फ महुआ और अपनी पार्टी को, बल्कि आधिकारिक भाजपा हैंडल और कांग्रेस को भी टैग किया. पार्टी नेताओं ने इसे ‘हद पार करने’ जैसा माना है. महुआ मोइत्रा पर फिर बरसे कल्याण बनर्जी कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी अपनी ही पार्टी की एक सांसद महुआ मोइत्रा पर फिर तीखा हमला बोला है. उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि “2023 में जब महुआ को संसद से बाहर निकाला गया था, तब वही उनके साथ खड़े थे, अब वही उन्हें ‘महिला विरोधी’ कह रही हैं.” श्री बनर्जी ने इसे अपना कर्तव्य बताया और मोइत्रा पर शिष्टाचार न होने का आरोप लगाया. महुआ और कल्याण के बीच यह विवाद नया नहीं है. हाल ही में महुआ ने एक मीडिया को दिये साक्षात्कार में कहा था, “मैं सूअरों के साथ कुश्ती नहीं कर सकती.” इससे विवाद और बढ़ गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है