‘यशस्विनी अवॉर्ड’ से सम्मानित हुईं चार प्रेरणादायी महिलाएं कोलकाता. ‘ऑल इंडिया मारवाड़ी महिला समिति’ द्वारा शनिवार को पार्क होटल में आयोजित ‘यशस्विनी अवॉर्ड समारोह’ में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वालीं चार विशिष्ट महिलाओं को सम्मानित किया गया. इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार ने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाओं का वर्चस्व बढ़ रहा है और उनके कामकाज को जब मान्यता मिलती है, तो उनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. उन्होंने कहा : ऑल इंडिया मारवाड़ी महिला समिति ने जिस तरह नारी शक्ति को संगठित कर उन्हें सम्मानित करने का प्रयास किया है, वह अनुकरणीय व प्रशंसनीय है. समिति सीमाओं से परे जाकर जिस तरह काम कर रही है, वह प्रेरित करने वाला है. यहां इतनी नारी शक्ति के विराजमान होने से प्रकाश फैल गया है. बंगाल के लोगों के साथ अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके बाबूजी सीयू के विद्यासागर कॉलेज में पढ़ते थे और बहुत अच्छी बंगला बोलते थे. पूरे विश्व में बंगाल की एक अलग पहचान है, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है. कार्यक्रम में विशेष अतिथि फिल्म निर्देशक गौतम घोष ने कहा कि वह मारवाड़ी और राजस्थानी संस्कृति से गहराई से जुड़े हैं और यहां महिलाओं की उपलब्धियां देखकर बेहद उत्साहित हैं. समारोह में कलकत्ता हाइकोर्ट की पूर्व जस्टिस समाप्ति चटर्जी ने कहा कि आज के दौर में महिलाएं उन क्षेत्रों में भी सफल हो रही हैं, जो पुरुषों के लिए थे. उनकी ताकत व योग्यता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उद्योगपति आरएस गोयनका ने कहा कि नारी आज से नहीं, सदियों से अपने दायित्व को कुशलतापूर्वक निभाती आयी है. आज समाज की महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है. यह देखकर खुशी होती है कि कुछ दशकों से महिलाएं अब पुरुषों को भी पछाड़ रही हैं. समारोह में ‘यशस्विनी अवॉर्ड’ की श्रेणी में साइंटिस्ट डॉ टेसी थोमस (मिसाइल वूमेन ऑफ इंडिया) को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि साइंस व एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में उनकी शुरू से काफी दिलचस्पी थी. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी काम किया और उनसे बहुत कुछ सीखा. यह अवॉर्ड पाकर वह उत्साहित हैं. रंगमंच में अहम योगदान के लिए ‘यशस्विनी अवॉर्ड’ से सम्मानित कलाकार उमा झुनझुनवाला ने कहा कि रंगमंच जीने का तरीका सिखाता है. उनके रंगमंच से कई मारवाड़ी महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जिससे उनका आत्मबल बढ़ता है. वह नयी पीढ़ी को भी इस विधा का पारंगत बनाना चाहती हैं. सोशल वर्क के लिए ‘यशस्विनी अवॉर्ड’ से सम्मानित सुनीता कृष्णन ने कहा कि लड़कियों की तस्करी रोकने के लिए वह जो कार्य कर रही हैं, उसके लिए उन्हें रोज धमकी मिलती है. कई बार हमला भी होता है. इस समस्या के समाधान के लिए सभी को सामूहिक रूप से आगे आना होगा. वहीं, ‘यशस्विनी अवॉर्ड’ से सम्मानित डॉ सोमा बंद्योपाध्याय ने कहा कि जब अवॉर्ड मिलता है, तो और बेहतर कार्य करने की जिम्मेदारी व खतरा भी बढ़ जाता है. हालांकि स्वीकृति मिलने पर जुनून भी बढ़ता है. वह शिक्षा क्षेत्र में और उल्लेखनीय कार्य करने को प्रतिबद्ध हैं. अवॉर्ड से सम्मानित इन चारों महिलाओं को प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो व एक-एक लाख रुपये की राशि का चेक प्रदान किया गया. ऑल इंडिया मारवाड़ी महिला समिति’ की अध्यक्ष अल्का बांगड़ ने स्वागत भाषण में समिति के कार्यों की चर्चा की. समारोह में पत्रकार विश्वंभर नेवर, उद्योगपति सीताराम शर्मा, राजेंद्र खंडेलवाल, डॉ वसुंधरा मिश्र, पुष्पा मिश्रा, श्रुति धर सहित साहित्य व शिक्षा से जुड़ीं कई हस्तियां मौजूद रहीं. महासचिव आशा माहेश्वरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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