बैरकपुर. सोमवार को शहीद दिवस की सभा में शामिल होने के लिए विभिन्न जिलों से लोग धर्मतला पहुंचे. वहीं दूसरी ओर उत्तर 24 परगना के बैरकपुर शिल्पांचल में दो जूट मिलों को जबरन बंद कराने का आरोप है, जिसमें जगदल जूट इंडस्ट्रीज लिमिटेड भी शामिल है. आरोप है कि कुछ तृणमूल समर्थित यूनियन की ओर से मिल के मजदूरों को एक दिन पहले से ही डराया धमकाया गया था, ताकि वे इस दिन मिल में काम पर नहीं जाये. भारतीय जनता मजदूर मंच के पश्चिम बंगाल राज्य कमेटी के महासचिव व जगदल जूट इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जेजेआइ) के जूट यूनिट टेक्सटाइल वर्कर्स यूनियन के जनरल सेक्रेटरी विनय मंडल ने आरोप लगाया कि यह इसलिए किया गया, क्योंकि गत 9 जुलाई 2025 को 21 ट्रेड यूनियनों के द्वारा एक दिन का पूरा भारत बंद बुलाया गया था. उस दिन तृणमूल द्वारा पूरा प्रयास के बावजूद नौ जुलाई को मिल चालू नहीं रख पाये थे, इसी के प्रतिशोध में मजदूरों को डरा-धमका कर आज दो जूट मिलों को बंद करवाया गया. बंगाल के राजनीतिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि मिल बंद करवा कर लोगों को 21 जुलाई की रैली में शामिल होने के लिए कहा गया. इधर, तृणमूल की ओर से आरोप को खारिज किया गया है. वहीं जगदल जूट इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जेजेआइ) के मैनेजमेंट से पूछे जाने पर उन्होंने इन आरोप से इंकार किया.
उन्होंने बताया कि ऐसी कोई घटना नहीं है, बल्कि मजदूर ही नहीं आये, जिस कारण से बंद रखा गया.
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