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शिक्षकों और छात्रों को बंधक बनाने वाले पर होगी कार्रवाई

कलकत्ता विश्वविद्यालय ने उन छात्रों को अगले महीने रजिस्ट्रार से मिलने और अपने आचरण के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है, जिन्होंने आठ जुलाई को बालीगंज साइंस कॉलेज में विरोध प्रदर्शन के बहाने कथित तौर पर भूगोल विभाग के शिक्षकों और छात्रों को बंद कर दिया था.

कोलकाता.

कलकत्ता विश्वविद्यालय ने उन छात्रों को अगले महीने रजिस्ट्रार से मिलने और अपने आचरण के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है, जिन्होंने आठ जुलाई को बालीगंज साइंस कॉलेज में विरोध प्रदर्शन के बहाने कथित तौर पर भूगोल विभाग के शिक्षकों और छात्रों को बंद कर दिया था. इस मामले में रजिस्ट्रार देबाशीष दास ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस से कथित तौर पर जुड़े एक शोधार्थी ने अन्य शरारती लड़कों के साथ मिलकर छात्रों को उकसाया और अनुशासनहीनता दिखायी. इस शोधार्थी को भी विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मिलने को कहा गया है. रजिस्ट्रार दास ने कहा कि दूसरे वर्ष के छात्रों से 21 अगस्त के बाद मिलने को कहा गया है, यानी उनके अंतिम सेमेस्टर (चौथे सेमेस्टर) की परीक्षा समाप्त होने के एक दिन बाद. उन्हें अपने आचरण के बारे में स्पष्टीकरण देना होगा. रजिस्ट्रार ने चेतावनी दी कि अगर हम उनके स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुए, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.विश्वविद्यालय के कॉलेज स्ट्रीट परिसर से अपने प्रवेश पत्र लेने गये छात्रों को रजिस्ट्रार ने परीक्षा समाप्त होने के बाद मिलने को कहा है. परीक्षाएं 23 जुलाई से शुरू होंगी. सीयू के रजिस्ट्रार ने बताया कि छात्रों की परीक्षाएं शुरू होने वाली थीं, इसलिए उन्होंने परीक्षा के बाद मिलना चाहा, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि इस हरकत को हल्के में नहीं लिया जा रहा है.

बता दें कि आठ जुलाई को बालीगंज साइंस कॉलेज के स्नातकोत्तर छात्रों के एक समूह ने भूगोल विभाग में परीक्षा फॉर्म भर रहे अपने साथियों को कथित तौर पर बंद कर दिया था. सीयू के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि आरोप है कि फॉर्म भरने में मदद कर रहे शिक्षकों को भी बंद कर दिया गया था. कॉलेज की विभागाध्यक्ष सुरंजना बंद्योपाध्याय ने बताया कि उन्होंने रजिस्ट्रार से बात की और परिसर के सहायक सचिव के हस्तक्षेप से दरवाजा खुलवाया गया. एक शोधार्थी ने 40 छात्रों को कमरा बंद करने में मदद की थी, उसे भी बुलाया गया है.

सीयू के एक अधिकारी ने कहा कि 25 जून को कस्बा स्थित साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुई घटना के बाद वे हर शिकायत को गंभीरता से ले रहे हैं. सीयू के एक अधिकारी ने बताया कि आठ जुलाई को विभाग के एक गेस्ट लेक्चरर पर कथित तौर पर झूठे जाति-भेदभाव का आरोप लगाने के कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई के चलते 40 छात्रों को फॉर्म भरने से रोक दिया गया था.

उन्होंने कहा कि इसलिए जब द्वितीय वर्ष के 75 अन्य छात्रों को फॉर्म भरने की अनुमति दी गयी, तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और शिक्षकों तथा अन्य छात्रों को बंधक बना लिया. बाद में उन्हें फॉर्म भरने की अनुमति दे दी गयी.

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