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बंगाल में एनआरसी लागू करने की साजिश : ममता

देश के दो अलग-अलग भाजपा शासित राज्य हरियाणा और असम से बंगाल को पत्र भेजे गये हैं, जिसमें दोनों राज्यों ने कुल 53 संदिग्धों के नाम भेजे हैं और इनके बारे में राज्य के विभिन्न जिलों के डीएम से रिपोर्ट तलब की है. दोनों से मिले पत्र के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़क गयी हैं.

कोलकाता.

देश के दो अलग-अलग भाजपा शासित राज्य हरियाणा और असम से बंगाल को पत्र भेजे गये हैं, जिसमें दोनों राज्यों ने कुल 53 संदिग्धों के नाम भेजे हैं और इनके बारे में राज्य के विभिन्न जिलों के डीएम से रिपोर्ट तलब की है. दोनों से मिले पत्र के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़क गयी हैं. मंगलवार को राज्य सचिवालय से संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इन लोगों के बांग्लादेशी होने के संदेह में राज्य सरकार से जानकारी मांगी गयी है. कुछ जिलों के नामों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि “वे क्या चाहते हैं? क्या वे इस तरह बंगाल पर कब्जा करेंगे? मंगलवार को मुख्यमंत्री ने नबान्न से असम और हरियाणा सरकार द्वारा भेजे गये दोनों पत्र दिखाते हुए पूछा, “क्या यह पश्चिम बंगाल को बलपूर्वक नियंत्रित करने का प्रयास है?ममता बनर्जी ने दावा किया कि पहला पत्र असम सरकार ने भेजा था. असमिया भाषा में लिखा यह पत्र अलीपुरदुआर के फलाकाटा निवासी को दिया गया था. पत्र में आरोप लगाया गया था कि वह मार्च 1971 में बिना वैध दस्तावेजों के अवैध रूप से असम में घुस आया था. उस पत्र को दिखाते हुए ममता बनर्जी ने सवाल किया कि असम सरकार बंगाल के मामलों में कैसे हस्तक्षेप कर रही है. यह न केवल असंवैधानिक है, बल्कि अनैतिक भी है. मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर आप इस तरह देश चलायेंगे, तो देश का बंटवारा हो जायेगा.

केवल असम ही नहीं, ममता बनर्जी ने दावा किया कि हरियाणा सरकार ने भी बंगाल के 52 मज़दूरों की सूची वाला एक पत्र भेजा था. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पत्र उनके बांग्लादेशी होने के संदेह में भेजा गया था. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कुछ ज़िलों के ज़िलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को श्रमिकों की सूची के साथ पत्र भेजे गये हैं. उन्होंने दावा किया कि हरियाणा सरकार ने मालदा, दक्षिण दिनाजपुर, उत्तर दिनाजपुर, नदिया, मुर्शिदाबाद, कूचबिहार, दक्षिण 24 परगना समेत कई ज़िलों के ज़िलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजे हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार उल्लिखित लोगों के नामों का सत्यापन करने और उनके बारे में जानकारी उपलब्ध कराने काे कहा गया है.

हालांकि, मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इससे डरने की जरूरत नहीं है. हम अपना काम अपनी मर्ज़ी से करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा यह सोच रही है कि यह सब करके मतदाता सूची से नाम हटाकर महाराष्ट्र और दिल्ली की तरह बंगाल भी जीत लेंगे, तो वह गलतफहमी में है.

राज्य सचिवालय में सीएम से मिले यूनिसेफ के प्रतिनिधि : मंगलवार को राज्य सचिवालय में यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की. यूनिसेफ की सिंथिया मैककैफ्री अन्य प्रतिनिधियाें के साथ राज्य सचिवालय पहुंचीं और सीएम के साथ बैठक की. उन्होंने राज्य में यूनिसेफ द्वारा किये गये जा रहे कार्यों के बारे में जानकारियां दी. इस मौके पर राज्य के मुख्य सचिव डॉ मनोज पंत भी उपस्थित थे.

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर टिप्पणी से किया इंकार : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा अचानक दिये गये इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया. राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “मुझे इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करनी है. देखते हैं क्या होता है.”” उन्होंने आगे कहा, “वे एक स्वस्थ व्यक्ति हैं. मुझे लगता है कि उनका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है.”” ममता बनर्जी का यह बयान ऐसे समय आया है, जब विपक्षी दल लगातार उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर सवाल उठा रहे हैं और इसे राजनीतिक कारणों से जुड़ा मान रहे हैं.

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