संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल भाजपा 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले संगठनात्मक स्तर पर फर्जी और निष्क्रिय कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए एक बड़े डिजिटल अभियान की शुरुआत करने जा रही है. पार्टी जल्द ही अपने नेटवर्क का दूसरे चरण का डिजिटल ऑडिट शुरू करेगी, जिससे आंकड़ों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और बूथ स्तर पर नियंत्रण मजबूत हो.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, राज्य भर में लगभग 1.5 लाख पदाधिकारियों ने अपने फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड किये हैं. इन दस्तावेजों के जरिए यह सत्यापित किया जा रहा है कि संबंधित पदाधिकारी वास्तव में उसी क्षेत्र के निवासी हैं और वहीं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं या नहीं. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह केवल कागजी कवायद नहीं है. बंगाल भाजपा में वर्षों से आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की परंपरा रही है. कई नेता गुटबाजी और प्रभाव बनाये रखने के लिए कार्यकर्ताओं की झूठी सूची बनाते रहे हैं. अगर हमें ममता बनर्जी को हराना है तो इस रवैये को खत्म करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि निष्क्रिय या फर्जी कार्यकर्ताओं को शामिल करने की परंपरा बंद होनी चाहिए, ताकि संगठन मजबूत और विश्वसनीय बने. पार्टी का पहला चरण पहले ही पूरा हो चुका है, जिसमें बूथ और मंडल स्तर के पदाधिकारियों की पहचान और मतदाता सूची से मेल की पुष्टि की गयी थी. इस प्रक्रिया के दौरान कई जगहों पर गंभीर विसंगतियां पायी गयीं, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां भाजपा की पकड़ कमजोर रही है. अब दूसरा चरण पांच अगस्त को एक विशेष प्रशिक्षण शिविर के दौरान मोबाइल ऐप की लॉन्चिंग से शुरू होगा. इस ऐप के जरिए केंद्रीय पर्यवेक्षक और राज्य स्तरीय नेता बूथ और मंडल स्तर के सभी पदाधिकारियों का वास्तविक समय में सत्यापन करेंगे.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शमिक भट्टाचार्य ने आंतरिक प्रक्रिया पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए केवल इतना कहा कि हम जमीनी आंकड़ों की पुष्टि के लिए डिजिटल और भौतिक दोनों स्तरों पर सत्यापन करते हैं.
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