कोलकाता.
दिल्ली में पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को कथित तौर पर बांग्लादेश भेजे जाने के गंभीर आरोपों पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. बुधवार को न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति ऋतब्रत कुमार मित्रा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने अदालत से रिपोर्ट जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की. केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार से अब तक सभी दस्तावेज़ नहीं मिले हैं. उन्होंने अगली सुनवाई चार अगस्त को करने का अनुरोध किया. खंडपीठ ने उनका अनुरोध स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई चार अगस्त को तय कर दी. क्या है मामला : यह मामला बीरभूम के पाईकर इलाके के छह श्रमिकों से जुड़ा है, जिन्हें 18 जून को दिल्ली के रोहिणी जिले के केएन काटजू थाना क्षेत्र से हिरासत में लिया गया था. उन्हें बांग्लादेशी होने के संदेह में पकड़ा गया. बाद में श्रमिकों को बीएसएफ ने पुश-बैक के तहत बांग्लादेश भेज दिया.क्या है परिजनों का आरोप : परिजनों का आरोप है कि पुलिस यह जानकारी देने को तैयार नहीं है कि उन्हें किस रास्ते और कैसे बांग्लादेश भेजा गया. परिवार ने राज्य के श्रम विभाग से संपर्क किया और इस मुद्दे को राज्यसभा सांसद और श्रमिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन समिरुल इस्लाम के संज्ञान में भी लाया. समिरुल इस्लाम ने इस पूरे मामले को किसी बड़ी साजिश का हिस्सा बताया है.
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