संदेशखाली में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या का मामला
संवाददाता, कोलकाता.
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने संदेशखाली में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में शेख शाहजहां के खिलाफ सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता शेख शाहजहां ने उस आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ में मामला दायर किया था, जिस पर सोमवार को न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति प्रसेनजीत विश्वास की खंडपीठ में सुनवाई हुई, लेकिन सुनवाई के बाद खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सोमवार को हुई सुनवाई में, अदालत शेख शाहजहां के वकील की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुई. न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक ने कहा कि आपके बयान से अदालत के सवालों का जवाब नहीं मिला. शेख शाहजहां की ओर से वकीलों ने सवाल किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ सीबीआइ जांच का आदेश दिये जाने के बावजूद, मामले के याचिकाकर्ताओं ने उसे मुख्य मामले में क्यों शामिल नहीं किया? जवाब में, परिवार के वकील बिल्लबदल भट्टाचार्य ने कहा, “एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा कि भले ही वह जांच में आरोपी है, लेकिन इस समय उसे सुनवाई के लिए अलग से बुलाने की जरूरत नहीं है.
वह मुकदमे के दौरान अपना बयान दे सकेगा.” वकील ने यह भी कहा कि शेख शाहजहां का नाम शुरुआत में सीआइडी जांच में था, लेकिन 2022 की चार्जशीट में इसे हटा दिया गया. बाद में, 2024 में, एक नयी प्राथमिकी दर्ज होने के बाद, सीआइडी ने उसका नाम अतिरिक्त चार्जशीट में शामिल किया. सोमवार को अदालत ने कहा कि आवेदक कोई अजनबी नहीं, बल्कि एक ज्ञात आरोपी है. इसलिए घटना में उसकी भूमिका है या नहीं, इसके लिए मामले पर विस्तृत सुनवाई की जरूरत है. यह कहते हुए खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
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