कोलकाता.
कलकत्ता हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को एक अगस्त 2025 से पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 100 दिनों का कार्य फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है. हालांकि, उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद केंद्र सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई स्पष्ट जवाब या आश्वासन नहीं दिया है, जिससे राज्य में मनरेगा के भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. मनरेगा योजना पिछले तीन वर्षों से पश्चिम बंगाल में बंद है और राज्य सरकार लगातार इसे फिर से शुरू करने की मांग कर रही है.फर्जी जॉब कार्ड पर केंद्र का जवाबफर्जी जॉब कार्ड रद्द करने के सवाल पर केंद्र ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में पश्चिम बंगाल की तुलना में उत्तर प्रदेश और गुजरात में अधिक फर्जी जॉब कार्ड पाये गये हैं. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और सजदा अहमद ने इस मुद्दे पर केंद्र से सवाल पूछा था. सूत्रों के अनुसार, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बताया है कि उनका कार्यालय पूरे मामले की जांच कर रहा है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक पत्र में यह जानकारी दी है.उच्च न्यायालय का निर्देश और अनियमितताओं पर चिंता
कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की खंडपीठ ने केंद्र को राज्य में विशेष नियम बनाकर 100 दिन का काम शुरू करने की हरी झंडी दे दी है. अदालत ने इस परियोजना को एक अगस्त 2025 से शुरू करने का आदेश दिया है. गौरतलब रहे कि मनरेगा योजना को लेकर पहले भी पश्चिम बंगाल में अनियमितताओं और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसमें असली लाभार्थियों को वंचित करने की बात कही गयी थी. अदालत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि परियोजना के फिर से शुरू होने के बाद केंद्र और राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान देना होगा कि ऐसी अनियमितताएं दोबारा न हों.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है